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शाजापुर

जानिये क्यों : यहां के व्यापारियों ने नकद भुगतान नहीं करने का लिया निर्णय

कृषि उपज मंडी प्रबंधन को पत्र सौंपकर बताई परेशानी, समस्या निराकरण नहीं होने पर 1 सितंबर करेंगे मंडी में काम बंद

शाजापुरAug 22, 2019 / 10:25 pm

Piyush bhawsar

Know why: traders here decided not to pay cash

जानिये क्यों : यहां के व्यापारियों ने नकद भुगतान नहीं करने का लिया निर्णय

शाजापुर.

केंद्र सरकार का एक नया नियम 1 सितंबर से लागू हो जाएगा। जिसमें कोई भी बैंक खाते से यदि पूरे साल में मिलाकर एक करोड़ रुपए से ज्यादा निकाले जाते हैं तो संंबंधित को 2 प्रतिशत अतिरिक्त टीडीएस का भुगतान करना होगा। नए नियम की जानकारी मिलते ही कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने मंडी प्रबंधन को एक पत्र सौंपकर नकद भुगतान प्रक्रिया को समाप्त करने की बात कही थी। हालांकि मंडी प्रबंधन ने व्यापारियों को किसानों से उपज खरीदने पर उन्हें नकद भुगतान ही करने के लिए कहा था। इसके विरोध में मंडी व्यापारियों ने मंडी प्रबंधन से इस प्रक्रिया पर दोबारा विचार कर उनके हित में निर्णय लेने के लिए पत्र सौंपते हुए 1 सितंबर से घोष विक्रय में भाग नहीं लेने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि कृषि उपज मंडी में वर्तमान में किसानों को नकद भुगतान की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब कृषि उपज मंडी में व्यापारी किसानों को उनकी उपज का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से सीधे उनके खाते में ही करेंगे। क्योंकि 1 सितंबर से केंद्र सरकार के नए नियम लागू हो जाएंगे। जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति वर्षभर में एक करोड़ रुपए से ज्यादा कैश बैंक से निकालेगा तो संबंधित को 2 प्रतिशत अतिरिक्त टीडीएस देना पड़ेगा। इस स्थिति में मंडी व्यापारियों ने नकद भुगतान नहीं करने का निर्णय लिया है। इस मामले में 16 अगस्त को मंडी व्यापारियों ने नकद भुगतान प्रक्रिया को समाप्त करने के संबंध में एक पत्र मंडी प्रबंधन को सौंपा था, लेकिन मंडी प्रबंधन ने मंडी में नकद भुगतान की ही प्रक्रिया को प्रचलित रखने की बात कही थी। मंडी व्यापारियों का कहना है कि यदि वे किसानों को नकद भुगतान करतें है तो अधिकांश व्यापारियों को एक साल में एक करोड़ रुपए से ज्यादा नकद राशि बैंक से निकालना पड़ेगी। ऐसे में उन्हें 2 प्रतिशत अतिरिक्त टीडीएस का भुगतान करना होगा। इससे बचने के लिए व्यापारियों ने मंडी प्रबंधन को नकद भुगतान रोकने के लिए पत्र लिखकर मांग की थी, लेकिन जब उनकी मांग नहीं मानी गई तो व्यापारियों ने 1 सितंबर से मंडी में खरीदी कार्य बंद करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में व्यापारियों ने मंडी प्रबंधन को पत्र सौंपकर निर्णय पर दोबारा विचार करने की मांग की है।

इ-अनुज्ञा प्रक्रिया को भी किया जाए सरल
कृषि उपज मंडी में जल्द ही इ-अनुज्ञा प्रक्रिया शुरू होगी। इस प्रक्रिया के अंतर्गत मंडी के सभी व्यापारियों को किसानों से खरीदी गई प्रत्येक उपज का अलग-अलग पत्रक तैयार कर पोर्टल पर अपलोड करना होगा। मंडी व्यापारियों के अनुसार सीजन के समय मंडी में 1000 से 1500 तक किसानों की उपज को खरीदा जाता है। ऐसे में एक ही साथ इन सभी किसानों के पत्रकों को पोर्टल पर अपलोड करना संभव नहीं हो पाएगा। मंडी व्यापारियों ने मंडी प्रबंधन को पत्र सौंपकर मांग की है कि उन्हें इ-अनुज्ञा से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन अलग-अलग पत्रक की जगह पहले की तरह चल रही व्यवस्था जिसमें प्रत्येक व्यापारी किसानों से खरीदी गई उपज के कुल वजन के पत्रक को पोर्टल पर अपलोड करने को ही जारी रखा जाए। मंडी प्रबंधन को उक्त दोनों समस्याओं से संबंधित पत्र सौंपकर व्यापारियों ने दोनों बिंदूओं पर गंभीरता से विचार कर इस तरह की व्यवस्था लागू करने की मांग की है जिससे व्यापारियों को किसी प्रकार से परेशानी न उठाना पड़े। यदि उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया तो व्यापारी 1 सितंबर से मंडी में काम बंद करते हुए घोष विक्रय (अनाज खरीदी प्रक्रिया) में भाग नहीं लेंगे।

इनका कहना है
इ-अनुज्ञा और नकद भुगतान प्रक्रिया को लेकर मंडी व्यापारियों ने अपनी परेशानी बताते हुए एक पत्र सौंपा हैं। जिसमें उनकी समस्या का समाधान नहीं होने पर एक सितंबर से मंडी बंद करने की बात लिखी है। व्यापारियों के इस पत्र को मंडी बोर्ड भेज दिया गया है। वरिष्ठ स्तर से जो भी निर्देश दिए जाएंगे उन्हीं निर्देशों का पालन किया जाएगा।
– डीसी राजपूत, सचिव, कृषि उपज मंडी-शाजापुर

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