शाजापुर. एक बार फिर बिरगोद के जंगल में गाय का शव मिलने से तेंदुआ होने की आशंका ग्रामीण जाहिर कर रहे हैं। इसकी सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पड़ताल की, लेकिन तेंदुआ जैसे जानवर होने की पुष्टि नहीं हो पाई। जो गाय मरी थी उसका शव दो-तीन दिन पुराना दिख रहा था।
बुधवार दोपहर वन विभाग को बिरगोद के ग्रामीणों ने सूचना दी की, ग्राम में तेंदुआ है। उसने एक गाय को भी मार डाला है। इसके बाद तुरंत एसडीओ राकेश लहरी टीम सहित पहुंचे। एसडीओ ने बताया गाय का शव पुराना है और उस पर चाकू के निशान प्रतीत हो रहे हैं। गाय पर या आसपास जंगल में छानबीन करने के बाद कहीं भी तेंदुआ होने के चिह्न नहीं मिले हैं। गाय की मौत होने के बाद लकड़बग्गा, सियार जैसे जानवर ने उस पर जख्म किए हैं, ऐसा प्रतीत हो रहा है। जहां गाय का शव मिला, वह जगह गांव से काफी दूर है। ग्रामीणों को समझाइश दी है।
वन विभाग की टीम में शामिल डॉक्टर जोधोन अनिमोल ने भी यही बताया कि इस पर किसी जानवर ने हमला नहीं किया है। यह हो सकता है कि जंगली इलाका होने से लकड़बग्घा या मुर्दाखोर जानवर ने गाय के मरने के बाद उसके शव की ये हालत की हो। अंदाजा यह भी लगाया जा रहा है कि किसी ने गाय के मरने के बाद उसकी खाल निकालने का प्रयास किया हो।
ग्वालों का कहना हमने देखा तेंदुआ
तेंदुए की जानकारी देने वाले एडवोकेट कृष्णकांत कराड़ा ने बताया तीन बजे के लगभग तेंदूए की सूचना मिली थी, कराड़ा ने बताया दोपहर ढाई-तीन बजे के लगभग ग्वालों ने गाय के पास से तेंदुए को जाते देखा है। हो सकता है वन विभाग की टीम के पहुंचने तक तेंदुआ कहीं निकल गया हो।