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Election 2018 : शाजापुर में भाजपा के 58 विधायकों में पुरुषोत्तम चंद्रवंशी ने जीत हासिल की थी

दोस्त की बुलेट पर विरोधी लहर में किया था प्रचार और जीते थे चुनाव

शाजापुरOct 20, 2018 / 01:13 pm

Lalit Saxena

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पीयूष भावसार@शाजापुर. सन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी। इसके बाद पूरे देशभर में कांग्रेस के समर्थन में जमकर मतदान हुआ और हर चुनाव में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला था। ये वो दौर था जबकि अटलजी तक ग्वालियर से सांसद का चुनाव हार गए थे। ऐसे दौर में प्रदेश में सन 1985 में विधानसभा की कुल 320 सीट (मप्र और छत्तीसगढ़ मिलाकर) में से भाजपा के खाते में महज 58 सीट आई थीं। भाजपा के इन 58 विधायकों में शाजापुर विधानसभा सीट पर बड़ा उलटफेर करते हुए भाजपा के विधायक के रूप में पुरुषोत्तम चंद्रवंशी ने जीत हासिल की थी। इस चुनाव में प्रचार के लिए चंद्रवंशी के पास स्वयं का कोई वाहन नहीं था। ऐसे में प्रचार के लिए वो अपने मित्र चांद खां की बुलेट पर बैठकर प्रचार के लिए निकलते थे।

चर्चा के दौरान चंद्रवंशी ने बताया कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सभी जगह पर भाजपा को बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था। मैं सन 1972 से शाजापुर नगर पालिका में वार्ड पार्षद के रूप में जनसंघ से चुनाव जीतता रहा। ऐसे में 1985 में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने मुझे शाजापुर सीट से उम्मीद्वार बनाया। पार्टी का मेंडेट मिला तो चुनाव प्रचार की बारी आई, लेकिन मेरे पास कोई साधन नहीं था। ऐसे में मेरे दोस्त चांद खां के पास एक काले रंग की बुलेट (दो पहिया वाहन) थी। जिस पर बैठकर गांव-गांव घुमते हुए प्रचार किया। लोगों से मेरा बनाया हुआ व्यवहार और कार्यकर्ताओं की मेहनत काम आई और मैंने कांग्रेस के विधायक दीपसिंह यादव को साढ़े 6 हजार वोट से चुनाव हराया।

व्यापारियों ने किराए पर लाकर दी थी जीप
चंद्रवंशी ने बताया कि मुझे विधानसभा चुनाव में लोगों ने वोट के साथ नोट भी दिए। चुनाव में मेरा स्वयं का कोईखर्चनहीं हुुआ जो मैं ये बता सकूं कि चुनाव में उस दौर में कितना खर्च हुआ था। लोगों ने मेरी मदद की।उस दौर में झंडे, बैनर, पोस्टर बहुत कम होते थे। दीवारों पर चुनाव प्रचार के लिए स्लोगन लिखे जाते थे। जब चुनाव के करीब 10-12 दिन बचे थे तो शहर के व्यापारियों ने आपस में चंदा करके मुझे एक जीप जिसका नंबर 33 था वो किराए पर लाकर दे दी थी। इस जीप से मतदान के कुछ दिन पहले विधानसभा क्षेत्र में घुमकर लोगों से वोट की अपील की थी।

साइकिल से घूमकर की थी मेहनत
पूर्व विधायक चंद्रवंशी ने बताया चुनाव प्रचार के लिए साइकिल से घुमकर कार्यकर्ताओं ने मेहनत की थी। करीब 100 साइकिलों से प्रतिदिन कार्यकर्ता अलग-अलग स्थानों पर घुमते और चुनाव प्रचार करते थे। इस दौरान कईबार कार्यकर्ताओं को चना और परमल खाकर ही दिन गुजारना पड़ता था। कार्यकर्ताओं की मेहनत का असर हुआ तो कि विपरित परिस्थितियों में चुनाव में जीत मिली थी। चुनाव जीतने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल बोरा को शाजापुर बुलवाकर सन 198 6 में कलेक्ट्रेट कार्यालय और गांधी हॉल का उद्घाटन कराया था।

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