जानकारी के अनुसार, 16 अप्रैल को अब्दुल्ला ने कैराना कोतवाली में मदरसा जामिया हुदललील आलमीन के मुफ्ती सुफियान की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। ये अपने दोस्त अब्दुल्ला व तौशीफ के साथ रहते थे। एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि 21 अप्रैल को कैराना कोतवाली में अब्दुल्ला की रिपोर्ट पर मामले जांच की गई। शक होने पर पुलिस अब्दुल्ला को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिसके बाद हत्या का मामला खुल गया। वहीं, मुफ्ती की हत्या में 3 लोग शामिल पाए गए। अब्दुल्ला भी शामिल निकला। हत्या की वजह लाखों रुपये का लालच बताया जा रहा है। जिसमें मुफ्ती के पास विदेशी करेंसी भी मौजूद थी। वहीं, पुलिस ने तीनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लगभग डेढ़ लाख रुपये भी बरामद कर लिए हैं। साथ ही हत्या में इस्तेमाल की गई ईट भी।
मदरसे के लिए देश विदेश से लाखों रुपये का चंदा इकट्ठा होता था। जिसकी वजह से अब्दुल्ला व तौशीफ के मन में लालच आ गया। अब्दुल्ला ने अपने बहनोई व साथी तौशीफ के साथ मिलकर मुफ़्ती की ईटों से पीट पीटकर हत्या कर दी। सुफियान का कुछ दिन बाद ही निकाह होने वाला था। जिसके लिए उसके पास विदेशी डॉलर, सोना—चांदी व अन्य सामान मौजूद था। मुफ्ती के पास में 15 से 16 लाख रुपये बताए गए है। इन्हीं पैसों को देखकर उसके दोनों दोस्तों को लालच आ गया। जिसके बाद ईटों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। तीनों ने 16 अप्रैल की रात में मुफ्ती की हत्या करने के बाद उसके शव को पेट्रोल डालकर जला दिया। शव को जलाने के बाद जो अवशेष बचे थे उनको भी दरिंदों ने दफन करने के लिए बोरे में भरकम नदी में डाल दिया।