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दरअसल झिंझाना थाने के रेडा माजरा गांव के रहने वाले दो मासूम लड़के परिवार की महिलाओं के साथ दोपहर के समय खेत में घास लेने के लिए गए थे। परिजनों का कहना है कि प्यास लगने के चलते दोनों बच्चे पास में ही चल रही ट्यूबवेल पर पानी पीने चले गए। इसी दौरान खेत मालिक वहां पहुंचा और बच्चों पर नलकूप के पाइप में छेद करने का आरोप लगाकर उन्हें ट्यूबेल के कमरे में बंद कर लिया और कटीले तारों से उनके हाथ पैर बांध कर जमकर पिटाई की। इतना ही नहीं दराती से हाथों में गहरे घाव तक कर दिए। घंटों यातना देने के बाद इन मासूम बच्चों को छोड़ा गया। परिजन ऊन पुलिस चौकी पर पहुंचे तो वहां पुलिस ने मुकदमा कायम करने की बजाय आरोपी को बचाने का प्रयास करते हुए पीडितों पर आरोपी से फैसला करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। देर शाम यह मामला सोशल मीडिया के जरिए शामली पुलिस के अधिकारियों तक पहुंचा और कई लोगों ने बच्चों के फोटो के साथ ट्वीट करके कार्यवाही की मांग की। यह भी पढ़ें