यही वजह है कि 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए जाने के बाद से चाहे क्वॉरंटीन बाड़ा हो या बड़ा बाड़ा, दोनों चीतों को साथ रखा गया और अब खुले जंगल में छोड़ा गया तो दोनों को साथ ही छोड़ा गया। ऐसे में शौर्य की मौत के बाद गौरव अकेला रह गया है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि अपने साथी चीता की मौत से दूसरा चीता स्ट्रेस में आ सकता है, लिहाजा अब उसकी मॉनिटरिंग ज्यादा जरूरी है। उल्लेखनीय है कि गौरव-शौर्य भाई हैं और खुले जंगल में छोड़े जाने के दौरान दक्षिण अफ्रीका के नर चीते भाई वायु और अग्नि से इनका संघर्ष भी हुआ था, जिसमें अग्नि घायल हुआ। वहीं जुलाई में जब चीतों में त्वचा संक्रमण हुआ तो गौरव और शौर्य के रेडियो कॉलर के नीचे भी हल्का संक्रमण मिला था।
प्रोजेक्ट में 20 में से अब तक 7 वयस्क चीते दौड़ चुके दम
प्रोजेक्ट चीता में कुल 20 चीते (नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12) लाए गए थे। जिसमें से अब तक 7 वयस्क चीते दम तोड़ चुके हैं। लिहाजा अब 13 वयस्क चीते (6 नर व 7 मादा) शेष बचे हैं, जिनमें दो चीते नर पवन और मादा वीरा खुले जंगल में है, जबकि 11 बाड़ों में है। वहीं अब तक हुए कुल 7 शावकों में 3 की मौत हो चुकी है। यही वजह है कि अब कूनो में 13 वयस्क और 4 शावक चीता बचे हैं।
अब तक यूं हुई चीतों की मौत…
-27 मार्च को मादा चीता साशा की मौत।
-23 अप्रेल को हुई नर चीता उदय की मौत
-09 मई को हुई मादा चीता दक्षा की मौत
-23 मई को एक चीता शावक की मौत
-25 मई को दो चीता शावकों की मौत
-11 जुलाई को नर चीता तेजस की मौत।
-14 जुलाई को नर चीता सूरज की मौत।
-02 अगस्त को मादा चीता धात्री की मौत।
-16 जनवरी को नर चीता शौर्य की मौत।