35 गांव के इस सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए पूर्व में दो बार टेंडर बुलाए गए थे, लेकिन किसी ने टेंडर नहीं डाला, लेकिन अब तीसरी बार टेंडर खोले गए हैं, जिसमें साउथ की कंपनी के नाम टेंडर हो गए हैं। टेंडर होने के बाद श्योपुर में किसान संघर्ष समिति ने हर्ष जताया और क्षेत्र के किसानों में भी खुशी की लहर दौड़ गई है। वहीं दूसरी ओर टेंडर खुलते ही इसका श्रेय लेने के लिए सोशल मीडिया पर नेताओं की होड़ मच गई।
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बताया गया है कि माइक्रो इरिगेशन सिस्टम के तहत धरातल पर उतरने वाले इस प्रोजेक्ट में 35 गांव की 12 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। प्रोजेक्ट में चंबल मुख्य नहर से हिरनीखेड़ा गांव के निकट पानी लिफ्ट किया जाकर पाइप लाइनों के माध्यम से किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए लूंड गांव के पास दो बड़े वाटर स्टोरेज टैंक भी बनेंगे, जिसके बाद जमीन के डेढ़ मीटर नीचे पाइप लाइनें डाली जाएगी और विभिन्न पाइंट बनाकर स्प्रिंकलर पद्धति से सिंचाई होगी।
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समिति ने की आतिशबाजी, पटेल प्रतिमा पर पहनाई माला
35 गांव की नहर की मांग को लेकर गत वर्ष गठित हुई किसान संघर्ष समिति ने प्रोजेक्ट के टेंडर होने पर हर्ष जताया और पटेल चौक पर एकत्रित होकर आतिशबाजी की। इसके साथ ही समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश मीणा के नेतृत्व में अपने धरना स्थल पटेल चौक पर पहुंचकर आतिशबाजी की और सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान नपाध्यक्ष दौलतराम गुप्ता, वरिष्ठ भाजपा नेता मूलचंद रावत, रामलखन हिरनीखेड़ा, रामलखन नापाखेड़ली, मदन गर्ग, जगदीश गर्ग आदि सहित समिति के अन्य सदस्यगण मौजूद रहे।
35 गांव की सिंचाई प्रोजेक्ट के टेंडर हो गए हैं। हालांकि अभी हमारे पास इसकी इन्र्फोमेशन नहीं आई है, लेकिन एक दो दिन में आ जाएगी। निश्चित रूप से ये प्रोजेक्ट क्षेत्र के लिए अहम है।
सुभाष गुप्ता, कार्यपालन यंत्री, जलसंसाधन विभाग श्योपुर
टेंडर खुलने से किसानों में खुशी का माहौल है। इसके बाद अब हम समिति की एक बैठक बुलाएंगे, जिसमें आंदोलन के दौरान जो हमारा नहर नहीं तो वोट नहीं वाला नारा था, उस पर भी चर्चा करेंगे।
ओमप्रकाश मीणा, अध्यक्ष, किसान संघर्ष समिति श्योपुर