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श्योपुर

hindi day#यहां हिंदी को माता मानकर करते हैं पूजा

श्योपुर में है हिंदी माता का मंदिर, 20 साल पूर्व हुई थी स्थापना14 सितंबर-हिंदी दिवस पर विशेष

श्योपुरSep 13, 2019 / 08:16 pm

jay singh gurjar

hindi day#14 september

hindi day#यहां हिंदी को माता मानकर करते हैं पूजा

श्योपुर,
विश्व की सबसे पुरानी और अनगिनता भाषाओं की जननी हिंदी भाषा आज के आधुनिक अंग्रेजीदां समाज में भले ही अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत हो, लेकिन पिछड़े कहे जाने वाले श्योपुर में आज भी हिंदी को माता का दर्जा देकर पूजा की जाती है। यहां के हिंदी प्रेमियों ने हिंदी माता का मंदिर बनवाकर प्रतिभा भी स्थापित करवा दी। लगभग 10 साल पूर्व स्थापित हुई हिंदी माता की प्रतिमा श्योपुर की हिंदी के प्रति श्रद्धा दिखाती है।
बताया गया है कि हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने और हिंदी को भी देवी की तरह पूज्यनीय बताते हुए श्योपुर के हिंदीसेवियों ने 20 साल पहले हिंदी माता की प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया। यही वजह है कि अखिल भारतीय युवा अभिभाषक मंच के तत्कालीन जिलाध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा और अन्य साहित्यकार संगठनों की पहल पर गणेश चतुर्थी के अवसर पर 13 सितंबर 1999 को शहर के गुलंबर चौक पर पानी की टंकी के बीच में हिंदी माता की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस दौरान तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रवि गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। तभी से हिंदी माता मंदिर पर हिंदी माता की पूजा हिंदी के साहित्यकारों द्वारा की जाती है।

हिंदी माता के दर्शन के बाद जाते हैं कार्यक्रमों में
यूं तो हिंदी माता मंदिर पर समय समय पर लोग पूजा करते हैं और हिंदी दिवस पर विश्ेाष पूजा भी की जाती है, लेकिन श्योपुर के हिंदी साहित्यकार आज भी जब भी किसी कार्यक्रम में जाते हैं तो हिंदी माता की दर्शनों के बाद ही शिरकत करने जाते हैं। जाहिर है कि हिंदी को देश में अपना मुकाम दिलाने की गतिविधियों में हिंदी माता मंदिर भी एक अहम कड़ी कही जा सकती है।
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