हालांकि इतिहासकारों के मुताबिक राजा-महाराजाओं के समय श्योपुर नगर किले में ही बसता था, लेकिन धीरे-धीरे तत्समय के मकान तो खंडहर होकर जमींदौज हो गए और लोग यहां से बाहरी मैदान पर आ गए। लेकिन बीते तीन दशक में किले के इस हिस्से में अवैध कब्जों की भरमार हो गई है। लेकिन अतिक्रमण रोकने की जहमत किसी ने नहीं उठाई।
बताया गया है कि श्योपुर ऐतिहासिक किले का मुख्य हिस्सा गत वर्ष प्रदेश सरकार ने पुरातत्व से हस्तांतरित कर पर्यटन विभाग को दे दिया है। बताया गया है कि अब पर्यटन विभाग यहां होटल आदि विकसित करेगा, लेकिन अतिक्रमण हटाना पर्यटन विभाग के लिए भी चुनौती होगा। क्योंकि अतिक्रमण के चलते पर्यटकों की आवक पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
श्योपुर किला अब तो पर्यटन विभाग को दे दिया है, लेकिन पूर्व में ये हमारे अधीन था। किला क्षेत्र में किसी भी निर्माण की अनुमति हमारे यहां से नहीं होती है। यदि अवैध अतिक्रमण हुआ है तो उसे रोकना स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी होती है।
एसआर वर्मा
उप संचालक, पुरातत्व विभाग ग्वालियर
वैसे तो ये किला पुरातत्व विभाग का है, लेकिन यहां निर्माण की एनओसी दी जाती है या नहीं, ये मैं रिकार्ड देखकर ही बता पाऊंगा।
टीसी धूलिया
सीएमओ, नगरपालिका श्योपुर