scriptयहां किले की प्राचाीरों पर भी बन गए मकान | Houses built on the fort here also | Patrika News
श्योपुर

यहां किले की प्राचाीरों पर भी बन गए मकान

यहां किले की प्राचाीरों पर भी बन गए मकानशहर के एक हजार साल पुराने ऐतिहासिक किले की सरकारी जमीनों पर हो गए अवैध कब्जे, पुरातत्व और नगरपालिका के अफसरों ने मूंदी आंखे

श्योपुरMar 06, 2019 / 09:05 pm

jay singh gurjar

sheopur

यहां किले की प्राचाीरों पर भी बन गए मकान

श्योपुर,
एक हजार साल पुरानी ऐतिहासिक विरासत अतिक्रमण की चपेट में है, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है। यही वजह है कि अब तो प्राचीरों तक पर मकान बन गए हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति श्योपुर की किले की, जिसमें बीते वर्षों में हुए अंधाधुंध अतिक्रमण से किले के निचले क्षेत्र के कई हिस्से पूरी तरह अवैध कब्जे में चले गए हैं। बावजूद इसके पुरातत्व विभाग और नगरपालिका ने न केवल आंखें मूंदी हुई है बल्कि अफसर एक दूसरे पर जिम्मेदारी टालते नजर आते हैं।
11वीं सदी में बनाए गए श्योपुर किला का मुख्य हिस्सा जहां एक टीले पर स्थिति है, लेकिन नीचे के एक बड़े हिस्से के चारों ओर बड़ी दीवारें और बुर्ज बन हुए हैं, जिसका मुख्यद्वार भी बना हुआ है। लेकिन पुरातत्व विभाग और नगरपालिका की अनदेखी के चलते पिछले वर्षों में ये हिस्सा अतिक्रमण की चपेट में आता गया। अब तो स्थिति यह है कि सीप नदी से लेकर शहर तक के हिस्से की किले की दीवारों पर ही लोगों ने मकान बना लिए और कई मकानों की तो खिड़कियां भी किले की प्राचीर से झांकती नजर आती है। उल्लेखनीय है कि किला क्षेत्र का हिस्सा शहर के वार्ड क्रमांक-1 में आता है। यहां के मतदाता वार्ड क्रमांक 1 के लिए पार्षद चुनते हैं।
अतिक्रमण रोकने नहीं हुए प्रयास
हालांकि इतिहासकारों के मुताबिक राजा-महाराजाओं के समय श्योपुर नगर किले में ही बसता था, लेकिन धीरे-धीरे तत्समय के मकान तो खंडहर होकर जमींदौज हो गए और लोग यहां से बाहरी मैदान पर आ गए। लेकिन बीते तीन दशक में किले के इस हिस्से में अवैध कब्जों की भरमार हो गई है। लेकिन अतिक्रमण रोकने की जहमत किसी ने नहीं उठाई।
मुख्य किला पर्यटन विभाग को हस्तांतरित
बताया गया है कि श्योपुर ऐतिहासिक किले का मुख्य हिस्सा गत वर्ष प्रदेश सरकार ने पुरातत्व से हस्तांतरित कर पर्यटन विभाग को दे दिया है। बताया गया है कि अब पर्यटन विभाग यहां होटल आदि विकसित करेगा, लेकिन अतिक्रमण हटाना पर्यटन विभाग के लिए भी चुनौती होगा। क्योंकि अतिक्रमण के चलते पर्यटकों की आवक पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
वर्जन
श्योपुर किला अब तो पर्यटन विभाग को दे दिया है, लेकिन पूर्व में ये हमारे अधीन था। किला क्षेत्र में किसी भी निर्माण की अनुमति हमारे यहां से नहीं होती है। यदि अवैध अतिक्रमण हुआ है तो उसे रोकना स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी होती है।
एसआर वर्मा
उप संचालक, पुरातत्व विभाग ग्वालियर
वर्जन
वैसे तो ये किला पुरातत्व विभाग का है, लेकिन यहां निर्माण की एनओसी दी जाती है या नहीं, ये मैं रिकार्ड देखकर ही बता पाऊंगा।
टीसी धूलिया
सीएमओ, नगरपालिका श्योपुर

Home / Sheopur / यहां किले की प्राचाीरों पर भी बन गए मकान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो