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श्योपुर

त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी मुरैना-श्योपुर सीट

त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी मुरैना-श्योपुर सीटपहले रिजर्व और अब अनारक्षित होने के बाद भी नहीं रही सीधी टक्कर, भाजपा कांग्रेस और बसपा में रहता है त्रिकोणीय मुकाबला, इस बार भी वहीं स्थिति

श्योपुरApr 26, 2019 / 08:52 pm

jay singh gurjar

श्योपुर,
लोकसभा के चुनावी समर में पार्टियां और प्रत्याशी अपने-अपने प्रचार में जुट हुए हैं, ऐसे में मुरैना-श्योपुर सीट पर भी प्रतिद्वंद्वी मैदान में आ गए हैं। हालांकि बीते 23 साल से भाजपा के कब्जे वाली इस सीट पर बीते तीन दशक से ही कभी सीधी टक्कर नहीं रही बल्कि ये सीट त्रिकोणीय मुकाबले में ही फंसी हुई है।
वर्ष 2004 तक रिजर्व और वर्ष 2009 अनारक्षित हुई मुरैना-श्योपुर सीट पर इस बार भी भाजपा, कांग्रेस और बसपा में त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है। विशेष बात यह बीते तीन दशक में हुए सात लोकसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी दूसरे स्थान पर रही है। यही वजह है कि मुरैना-श्योपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के साथ ही बसपा ने भी दम दिखाया है। जिसके चलते तीनों पार्टियां सीट कब्जाने मैदान में कमर कस चुकी हैं।
वर्ष 1991 से वर्ष 2014 तक के सात लोकसभा चुनाव की स्थिति देखें तो मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट पर एक चुनाव छोड़कर भाजपा का मतदान प्रतिशत 40 फीसदी से ज्यादा ही रहा है, जबकि कांग्रेस एक चुनाव को छोड़कर 30 फीसदी से नीचे रही है। वहीं इन दोनों बड़ी पार्टियों की सीटी टक्कर के बीच बसपा ने भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही वजह है कि वर्ष 1996 में 33.21, 1998 में 32.77 और वर्ष 2014 में 28.56 फीसदी मत प्राप्त कर बसपा दूसरे स्थान पर रही और कांग्रेस को तीसरे पर धकेल दिया। ऐसे में वर्ष 2019 का चुनाव तीनों ही पार्टियों के लिए चुनौतीपूर्ण नजर आ रहा है।
मुरैना-श्योपुर सीट पर बीते सात चुनावों में मिले मत का प्रतिशत
वर्ष भाजपा कांग्रेस बसपा
1991 30.72 35.89 20.82
1996 42.58 14.59 33.21
1998 43.44 21.67 32.77
1999 42.44 29.91 20.88
2004 52.07 29.48 18.75
2009 42.30 28.09 19.99
2014 44.21 21.69 28.56
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