scriptजगन्नाथ पुरी की तर्ज पर श्योपुर में भी निकलती है रथयात्रा | On the lines of Jagannath Puri, also in Shiyopur, Rath Yatra | Patrika News
श्योपुर

जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर श्योपुर में भी निकलती है रथयात्रा

जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर श्योपुर में भी निकलती है रथयात्राश्योपुर जिले के मानपुर और बागल्दा गांवों में वर्षों से जारी है रथयात्रा निकालने की परंपरा

श्योपुरJul 03, 2019 / 08:02 pm

jay singh gurjar

sheopur

जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर श्योपुर में भी निकलती है रथयात्रा

श्योपुर,
उड़ीसा के प्रसिद्ध तीर्थस्थल जगन्नाथपुरी में जिस प्रकार प्रतिवर्ष भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है, उसी तर्ज पर जिले के मानपुर कस्बे में और बड़ौदा क्षेत्र के ग्राम बागल्दा में भी रथयात्रा का आयोजन किया जाता है। जिसके माध्यम से भगवान नगर भ्रमण को निकलते हैं। आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीय को निकाली जाने वाली इस रथयात्रा में ग्रामीणों द्वारा पूरे भक्तिभाव से भागीदारी की जाती है और भजन-कीर्तनों की स्वर लहरियों के बीच देर शाम तक आयोजन की धूम रहती है।
मानपुर कस्बे में पुरी की तर्ज पर रथयात्रा निकालने का सिलसिला पिछले 70 वर्षों से निरंतर जारी है। 70 वर्ष पूर्व कस्बे में कुंडेरा वाले पंडितजी जगन्नाथ आचार्य द्वारा यह परंपरा शुरू की गई, जिसे बड़े मंदिर श्री रघुनाथपुर मंदिर के पुजारी पं. राधेश्याम उपाध्याय द्वारा विस्तारित किया गया। कस्बे के बड़े मंदिर श्री रघुनाथजी मंदिर से रथयात्रा का आयोजन किया जाता है। बैलगाड़ी को एक सुसज्जित रथ का रूप देने के बाद भगवान उसमें विराजित होते हैं और फिर नगर भ्रमण शुरू होता है। धार्मिक वातावरण में बड़े मंदिर से दोपहर बाद प्रारंभ होकर रथयात्रा शाम के समय भगवान नृसिंह मंदिर पहुंचती हैं, जहां बड़ी देर तक भजन कीर्तनों का दौर चलता है। इसके बाद पूजा अर्चना और सामूहिक आरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है। प्रसाद के रूप में तले हुए चने बांटे जाते हैं, जिन्हें प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं में खासा उत्साह रहता है। प्रसाद वितरण होने के बाद रथयात्रा दूसरे रास्ते से वापिस बड़े मंदिर पहुंचती है। रथयात्रा के पीछे महिलाएं मंगल गीत गाती हुई चलती हैं।

बागल्दा के जगन्नाथ मंदिर में है लकड़ी की प्रतिमाएं
मानपुर के अलावा जिले की बड़ौदा तहसील मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर ग्राम बागल्दा में अहेली नदी के किनारे स्थापित भगवान जगन्नाथ के मंदिर से भी रथयात्रा का आयोजन किया जाता है। बताया गया है कि जिले का ये एकमात्र मंदिर है, जहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की लकड़ी की प्रतिमाएं स्थापित हैं। रथयात्रा के लिए इन प्रतिमाओं को सुसज्जित रथ पर सवार किया जाता है और पूरे गांव में भ्रमण कराया जाता है। इस दौरान ग्रामीणों ने जगह-जगह आरती उतारी जाती है और पूजा अर्चना के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो