मानपुर-ढोढर रोड पर बना 50 साल पुराना सीप नदी का पुल गत 3 अगस्त को नदी की बाढ़ में जमींदौज हो गया। जिसके कारण मानपुर के उस पार के दर्जन भर गांवों का संपर्क टूट गया है। जिसके कारण उस पार के बालापुरा धीरोली क्षेत्र के दर्जन भर गांवों के ग्रामीणों को मानपुर आने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। सबसे ज्यादा परेशानी उन छात्र-छात्राओं को उठानी पड़ रही है, जो मानपुर के शासकीय हायरसैकंडरी स्कूल में पढऩे आते हैं। पहले कोरोना के चलते स्कूल बंद थे, लेकिन अब खुले हैं तो पुल टूट गया, लिहाजा बच्चे जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार करते हैं और फिर दो किलोमीटर पैदल चलकर मानपुर स्कूल पहुंचते हैं।
दर्जन भर गांवों का सफर ठप
सीप पुल टूटने से मानपुर के उस पार के धीरोली, माकड़ौद, बालापुरा, काशीपुर, कोली का टपरा, धूडज़ी का टपरा सहित दर्जन भर गांवों के वाशिंदे परेशान हैं। हालांकि पुल टूटने के बाद अब यहां निजी नाव से आवागमन हो रहा है, जिसमें 10 रुपए किराया है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को आने-जाने के 20 रुपए खर्चने पड़ रहे हैं, जो हर अभिभावक वहन करने में असमर्थ है। यही वजह है कि अधिकांश बच्चे पढऩे नहीं आ पा रहे और पढ़ाई चौपट हो रही है।
पुराना रपटा चालू कराने की मांग
मानपुर-ढोढर मार्ग पर सीप नदी का 50 साल पुराना पुल बाढ़ से टूटने के कारण ग्रामीण परेशान है। ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि नया पुल बनने तक प्रशासन पुराने रपटे की मरम्मत कराकर चालू करा दे तो लोगों की काफी समस्या हल हो जाएगी। पुराना रपटा पुल से थोड़ी दूरी पर है और एक बड़ा स्ट्रक्चर है, केवल उसकी थोड़ी मरम्मत हो जाए तो आवागमन बहाल हो सकता है।