ये कहना है कि कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत का। जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बुधवार चीता प्रोजेक्ट के लिए किए गए इवेंट पर सवाल उठाए।
रामनिवास रावत (mp Congress working president ramniwas rawat) ने कहा कि मोदी के सामने किसी की हिम्मत नहीं है कि वे इस मामले को उठा सकें और कराहल के कार्यक्रम में ये मंच से स्पष्ट भी हो गया, जहां न तो सांसद ने ये मांग उठाई और न ही 300 साल पुराना संबंध बताने वाले नेता ने। उन्होंने कहा कि हम चीता प्रोजेक्ट के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कूनो में शेर न देने पड़े इसलिए चीता प्रोजेक्ट लाया गया है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी एशियाई सिंह नहीं देना कहीं प्रधानमंत्री मोदी ही जिम्मेदार है, क्योंकि परियोजना शुरू होने के समय वे ही गुजरात के मुख्यमंत्री थे। रावत ने कहा कि शेरों के मामले को लेकर अभी भी सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं चल रही है और मैं भी इस मामले में न्यायालय में जाऊंगा। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस जिलाध्यक्ष अतुल चौहान और प्रदेश सचिव गिर्राज चौधरी भी मौजूद रहे। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक बाबू जंडेल नजर नहीं आए।
लंपी पर बेपरवाह शासन-प्रशासन
रावत ने कहा कि गोवंश में बढ़ते लंपी वायरस के खतरे के बावजूद प्रदेश सरकार बेपरवार है। मैं 1 सितंबर को ही इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुका हूं। वहीं जिले में भी ये वायरस तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन अब भी प्रशासन गंभीर नहीं है। वहीं कांग्रेस छोडक़र जा रहे नेताओं के सवाल पर रावत ने कहा कि लोगों की व्यक्तिगत आकांक्षाएं रहती है, जिससे वे पार्टी छोडक़र चले जाते हैं। तो कई बार भाजपा दबाव की राजनीति से लोगों को पार्टी छोडऩे को मजबूर करती है।