जहां जिले के कई स्कूल शिक्षक विहीन चल रहे हैं, वहीं महज 17 बच्चों की संख्या पर बमोरी हाला के प्राथमिक स्कूल में दो-दो शिक्षिकाएं पदस्थ हैं। यहां सहायक अध्यापकद्वय उमादेवी परमार और मंजू नरवरिया पदस्थ हैं, जिसमें से शिक्षिका नरवरिया एक माह से मेडीकल लीव पर चल रही हैं, जबकि शिक्षिका परमार विद्यालय की प्रभारी हैं। इनका कहना है कि इस स्थिति को लेकर मंै वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में भी दे चुकी हूं।
बताया गया है कि ग्राम बमोरी हाला में वर्ष 1972 में ये प्राथमिक स्कूल खोला गया था। वर्तमान में विद्यालय एक क्षतिग्रस्त अतिरिक्त कक्ष में संचालित है। एक भी बच्चा नहीं होने के बाद विभाग यहां लाखों रुपए खर्च कर रहा है, लेकिन विभागीय अफसर आंखें मूंदे हुए हैं। दोनों शिक्षिकाओं के वेतन की ही बात करें तो लगभग 80 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जा रहा है। वहीं समूह को मध्यान्ह भोजन के नाम पर अलग भुगतान हो रहा होगा।
गंभीर बात है, दिखवाऊंगा
यदि ऐसा है तो ये गंभीर बात है, इसे मैं दिखवाऊंगा। आज तो मैं हाइकोर्ट ग्वालियर में हूं, लेकिन यहां से लौटकर पूरी जानकारी लूंगा।
वकील सिंह रावत
जिला शिक्षा अधिकारी, श्योपुर