बताया गया है कि लगभग तीन साल पूर्व श्योपुर की उप जेल को जिला जेल का दर्जा मिला, अब इसमें महिला जेल भी शुरू करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि जिला जेल के कैंपस में ही 15 महिला बंदियों की क्षमता वाली एक अलग बैरक बनी हुई है, लेकिन स्वीकृति नहीं होने के कारण अभी सजायाफ्ता और विचाराधीन महिला बंदियों को ग्वालियर सेंट्रल जेल भेजना पड़ता है। इसी समस्या को गंभीरता से लेते हुए जिला न्यायाधीश और कलेक्टर ने जेलर के माध्यम से रिपोर्ट ली और ग्वालियर में श्योपुर महिला बंदियों की संख्या की रिपोर्ट ली। जिसके बाद जिला न्यायाधीश और कलेक्टर की पहल पर जेल विभाग ने श्योपुर जिला जेल में महिला जेल को स्वीकृति दे दी है।
श्योपुर की 14 बंदी ग्वालियर जेल में
बताया गया है कि वर्तमान में श्योपुर जिले की 14 महिला बंदी ग्वालियर की जेल में बंद हैं। इनमें 8 महिला बंदी सजायाफ्ता और 6 महिला बंदी विचाराधीन प्रकरण में बंद है। हालांकि कुछ माह पूर्व ग्वालियर जेल में श्योपुर की महिला बंदियों की संख्या 22 थी। वहीं दूसरी ओर वर्तमान में श्योपुर जिला जेल की कुल क्षमता 18 0 बंदियों की है, लेकिन वर्तमान में यहां 110 बंदी बंद हैं।
ये होगा फायदा
श्योपुर जिला जेल में महिलाओं को रखने की व्यवस्था होने के बाद सबसे बड़ा फायदा आवागमन में होगा, क्योंकि श्योपुर से ग्वालियर की दूरी 200 किमी है। इससे न्यायालय, पुलिस और जेल प्रशासन का आवागमन का खर्चा बचेगा और आवागन में महिला बंदियों की सुरक्षा की चिंता भी कम हो जाएगी। वहीं महिला बंदियों के परिजनों को मिलने के लिए ग्वालियर नहीं जाना पड़ेगा।
श्योपुर जिला जेल में 15 महिला बंदियों की एक बैरक पूर्व से बनी हुई है। इसके लिए हमने प्रस्ताव भिजवाया था, जिसे स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही ग्वालियर से महिला बंदियों को श्योपुर में शिफ्ट किया जाएगा।
वीएस मौर्य, जेलर, जिला जेल श्योपुर