शुक्रवार सुबह नदी पार करने की तैयारी में ट्यूब पर बैठे बच्चे अखिलेश पटेलिया, अमर सिंह, संकेत पटेलिया, दर्शन पटेलिया से जब पसंवाददाता पूछा कि क्या डर नहीं लगता क्या?, तो उन्होंने कहा, हमें इतनी चौड़ी नदी को पार करते समय डर तो लगता है, लेकिन पढ़ाई भी तो जरूरी है। यदि हम डरते रहे तो फिर पढ़ाई कैसे कर पाएंगे?। इस गांव के लगभग 50 बच्चे ऐसे ही नदी पार करके उस अशासकीय स्कूल में पढऩे जाते हैं।
नैनागिर गांव से नदी पार करके कुछ ही दूरी पर गुना जिले के सनवारा गांव का अशासकीय स्कूल है। यदि बच्चे नदी पार करने की बजाय यदि सडक़ से होकर जाएंगे तो फिर बदरवास से होकर हाइवे से गुना और फिर वहां से सनवारा तक जाना पड़ेगा, जिसके चलते उन्हें सौ किमी का चक्कर लगाना पड़ेगा।
गांव के बच्चों को शिक्षित करना है। मजबूरी है, जान की परवाह किए बिना रोज ट्यूब पर बिठाकर उन्हें स्कूल पहुंचाते हैं। तब जाकर हबच्चे पढ़ाई कर पाते हैं। भारता पटेलिया, पूर्व सरपंच
यदि बच्चे ट्यूब पर बैठकर नदी पार कर रहे है तो यह गंभीर मामला है, दिखवाता हूं कि ऐसा क्या कारण है। कोटवार को निर्देशित करूंगा की मौके पर तैनात रहे।
आशीष तिवारी, एसडीएम, कोलारस