शिवपुरी। कोलारस उपचुनाव के लिए शुक्रवार की देर दोपहर आचार संहिता लागू हो गई और क्षेत्र में हो रहीं घोषणाओं पर विराम लग गया। इस उपचुनाव में विकास ही प्रमुख मुद्दा रहेगा, जिसमें भाजपा जहां कांग्रेस को विकास न कराने पर कोस रही है, वहीं कांग्रेस नेता कोलारस सहित जिले में कराए गए विकास कार्यों की फेहरिस्त खोलकर बैठे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि आचार संहिता लागू होने के बावजूद अभी तक दोनों ही दलों ने अपने प्रत्याशी फायनल नहीं किए।
आजादी से अभी तक कोलारस में 13 विधानसभा चुनाव हुए, जिनमें 7 बार भाजपा के विधायक चुने गए, जबकि कांग्रेस ने 6 बार बाजी मारी। पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा के प्रत्याशी रहे देवेंद्र जैन 25 हजार के रिकार्ड मतों से पराजित हुए थे। जिसके चलते अब भाजपा के सामने पहला सवाल यही है कि आखिर पिछले चुनाव की इस गहरी खाई को वो कैसे पाटेगी। वहीं कांग्रेस के सामने भी अपनी सीट को वापस लेने की चुनौती है।
पिछले एक माह में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जहां कोलारस क्षेत्र में 6 सभाएं लीं, वहीं उनके मंत्रिमंडल के कद्दावर मंत्री भी कोलारस में लगातार दौरे कर रहे हैं। प्रदेश की कैबिनेट ही जब कोलारस से संचालित हुई तो कोलारस क्षे्रत्र के लिए कई घोषणाएं भी की गईं। मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों के डेरा डाले रहने से कोलारस क्षेत्र में भाजपा ने माहौल बनाने का प्रयास किया है। दूसरी और कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया का तीन दिवसीय दौरा हुआ है।
कोलारस उपचुनाव में इस बार विकास का मुद्दा छाया रहेगा। बीते एक माह से भाजपा के मंत्री व मुख्यमंत्री इस बात पर फोकस करते रहे हैं कि जब सभी महत्वपूर्ण पदों से लेकर सांसद तक कांगे्रस के हैं, तो क्षेत्र में विकास क्यों नहीं हुआ। चूंकि इस बार अल्पवर्षा के चलते चौतरफा पानी की समस्या बनी हुई है, इसलिए भाजपा के मंत्रियों को अपने दौरे के दौरान लगभग हर गांव में लोगों ने पानी की समस्या बताई। एक तरफ जहां भाजपा के नेता क्षेत्र में विकास नहीं कराने का आरोप कांग्रेस पर लगा रहे हैं, वहीं कांग्रेस नेता यह आरोप लगा रहे हैं कि जान-बूझकर प्रदेश की भाजपा सरकार ने उन क्षेत्रों में विकास नहीं किया, जहां कांग्रेस के विधायक चुने गए। हालांकि कांग्रेस के नेता अपने क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा शिवपुरी में लाई गईं ट्रेनों के अलावा
एनटीपीसी , एनपीटीआई कॉलेज सहित मेडीकल कॉलेज की सौगातें गिना रहे हैं।
यह होंगे चुनावी मुद्दे
– कोलारस क्षेत्र में पानी की समस्या
– बदहाल सडक़ों की समस्या भी प्रमुख रहेगी
– क्षेत्र के कई गांव में बिजली की समस्या भी प्रमुख है
– आदिवासी-मजरे-टोलों में विकास कार्य न होना
– दलित बस्तियों में भी विकास कार्यों का पिछड़ापन
– कोलारस क्षेत्र किसान बाहुल्य ग्राम है, वहां पर कृषि कार्यों में आ रही परेशानियां।
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