स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक ग्राम चिन्नौद, श्योपुरा, मुंगावली तिराहा, धोबीपुरा सहित अन्य सभी मजरों को मिलाकर कुल 15 हैंडपंप है। इनमें से 10 बंद पड़े हैं और मात्र 5 ही चालू हैं। ऐसी गर्मी में यह ५ हैडपंप लोगों की सही तरह से प्यास नहीं बुझा पा रहे। इन हैंडपंपों पर अधिक भीड़ होने के चलते लोगों में पानी भरने को लेकर आए दिन विवाद भी होने लगे हैं।
पेयजल स्त्रोत के नाम पर गांव में मात्र तीन कुएं हैं, जो पूरी तरह से सूख चुके हैं। ऐसे समय में अब नलजल योजना का चालु होना बहुत जरूरी है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच ने अधिकांश लोगों को दरकिनार करते हुए अपने गृह क्षेत्र में नलजल की पाइप लाइन लगवाई है। जब यह चालु थी, तो इसका लाभ भी सरपंच के नजदीकी लोगों को ही मिल पाता था।
यह बोले परेशान लोग-
-हमारे गांव में जल संकट की स्थिति बेहद गंभीर है। नलजल योजना कई माह से बंद पड़ी है। लाखों रुपया खर्च हो गया, लेकिन इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया।
– मनोज, ग्रामवासी श्योपुरा
यह नलजल योजना ग्राम चिन्नोद के लोंगो के लिए स्वीकृत हुई थी, लेकिन सरपंच ने अपने निजी स्वार्थ को लेकर चिन्नोद की जगह मजरा श्योपुरा में ले गए, जो छह माह से बन्द है। इस योजना में लाखों रुपए का बंदरबाट हुआ है।– कपिल शर्मा ग्रामीण चिन्नोद।
यह बोले जिम्मेदार-बिजली न होने से नलजल योजना बंद है। अभी वर्तमान में ५ हैडपंप खराब है। हम लिखित सूचना पीएचई विभाग में दे चुके हैं, लेकिन उनके यहां से कोई सुनवाई नहीं हुई।
– मनोज गुप्ता, सचिव, चिन्नोद।