शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान कही ये बातें – शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कहा कि अशिक्षा हमेशा विकास में बाधक रही है। इस लिए शत-प्रतिशत लोगों को शिक्षित किये बिना सम्पूर्ण विकास की परिकल्पना नही की जा सकती। उन्होने जिले की साक्षरता दर पूरे भारत में सबसे कम होने पर चिन्ता व्यक्त की तथा इसके लिए टीम भावना के साथ काम करकेे साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए लोगों से विशेष प्रयास करने की अपील की। उन्होने कहा कि सम्पूर्ण विकास में शिक्षा और स्वास्थ्य की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है इस लिए इन दोनो बिन्दुओं पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए। भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने कहा कि प्राथमिक से लेकर जूनियर, जूनियर से लेकर इण्टरमीडिएट एवं इण्टरमीडिएट से लेकर उच्च शिक्षा में दाखिले तक छात्र-छात्राओं की निगरानी के लिए भी कार्य योजना बनाई जाए और मानीटरिंग की जाए ताकि जिले का कोई भी छात्र या छात्रा शिक्षा से वंचित न रहने पावे।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान कही ये बातें – स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान यह ज्ञात हुआ कि जागरूकता के अभाव में गर्भवती महिलाएं एवं नवजात शिशुओं का समय से टीकाकरण न होने के कारण जिले में मातृ और शिशु मृत्युदर अधिक है। जो बहुत ही गम्भीर विषय है इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, बाल विकास पुष्टाहार एवं बेसिक शिक्षा को अब विशेष सतर्कता बरतनी होगी। जिले की गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण, उनके स्वास्थ्य की देखभाल एवं नवजात शिशु से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों का समय से टीकाकरण कराने के साथ हर गर्भवती महिलाओं एवं उनके नवजात बच्चों के टीकाकरण का लेखा जोखा ठीक ढंग से रखना होगा। ताकि कोई भी गर्भवती महिला तथा नवजात शिशु टीकाकरण से वंचित न रह जाये। प्रयास यह होना चाहिए कि जिले की हर गर्भवती महिला का संम्बधित क्षेत्र की आशा बहू द्वारा संस्थागत प्रसव ही कराया जाए। जिससे जच्चा बच्चा के स्वास्थ्य की देख भाल बेहतर ढंग से अस्पतालों में हो सकें। इसके साथ ही नोडल अधिकारी ने सरकार द्वारा संचालित अन्य योजनाओं की भी समीक्षा बैठक की।