शासन के बार-बार कहने के बाद भी जिले के मदरसों द्वारा मदरसे में पंजीकृत छात्रों की सख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। इस बार शासन ने मदरसों को छात्रों की संख्या में बारे में जानकारी देने का आखिरी मौका दिया है। इससे पहले भी मदरसों को दो बार नोटिस दी जा चुकी है। इसके बाद भी अभी तक जिले के एक भी मदरसे ने छात्रों की संख्या को पोर्टल पर अपडेट नहीं किया गया, जिससे जिले के सभी मदरसांे की मान्यता पर संकट मंडरा रहा है।
यह भी पढ़ें- स्वाईन फ्लू को लेकर जिले के विद्यालयों में अलर्ट जिले के कुछ मदरसों की षिकायत पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने अपने स्तर से मदरसों की जांच भी कराई गई है। जिसको लेकर मदरसों में हड़कम्प है। सरकार बदलने के बाद जिले में संचालित हो रहे मदरसों के सत्यापन के साथ ही वहां पर पंजीकृत छात्रों की संख्या आदि के बारे में भी लगातार जानकारी मंागी की जा रही है। कुछ मदरसों के कागजों में ही चलने के कारण वह मदरसे अपने बारे में जानकारी नहीं देना चाह रहे है। कारण यह है कि मदरसों में पंजीकृत छात्रों की संख्या का सत्यापन भी कराया जाएगा। जिसको लेकर मदरसा संचालकों में हडकम्प है।
यह भी पढ़ें- नहीं मिला पांच माह से मानदेय, कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर किया प्रदर्शन अगर अगले सप्ताह तक मदरसों ने अपने छात्र संख्या आदि के बारे में जानकारी नहीं दी तो मदरसों की मान्यता को खत्म करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसे लेकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पाण्डेय ने सभी मदरसा संचालकों को पत्र लिखकर मदरसों में पंजीकृत छात्रों की संख्या को पोर्टल पर अपडेट करने के साथ ही छात्र संख्या की जानकारी विभाग को उपलब्ध कराने को कहा है। इसके बाद भी अभी तक जिले के एक भी मदरसा द्वारा पंजीकृत छात्रों के बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है। सिद्धार्थनगर जिले में सैकड़ों से अधिक मदरसों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें से कुछ ऐसे है जहां पर महाविद्यालय स्तर की भी पढाई की जाती है।
By Suraj Chauhan