नदी के उस पार चकाचौंध देखकर कराह जाता है मन
जिले के आदिवासी विकासखंड कुसमी की ग्राम पंचायत हरदी के ताल और छड़हुला गांव में विकास आज तक नहीं पहुंचा है। ताल की 50 फीसदी आबादी बैगा परिवार की है। छड़हुला में 99 प्रतिशत गोड़ जनजाति रहते हैं। मप्र-छग राज्य की सीमा बनाने वाली मवई नदी पार कर लौट रहे छड़हुला के गोपाल सिंह गोड़ (68) के हाथ में टॉर्च थी। बताने लगे कि इसे चार्ज करने छत्तीसगढ़ के गांव चरखर गया था। ताल में बिजली आ गई है, लेकिन वहां की दूरी 5 किमी है।न पुलिस बुला पाते न एंबुलेंस
ताल व छड़हुला गांव में मप्र का मोबाइल नेटवर्क नहीं है। कुछ साल पहले छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती गांव में मोबाइल टावर लगने से यहां के युवा एंड्राइड मोबाइल का उपयोग करने लगे हैं। उन्हें पता है कि पुलिस बुलाने के लिए मोबाइल पर 100 डायल करना पड़ता है। एंबुलेंस के लिए 108, बिजली समस्या के लिए 1912 एवं किसी प्रकार की शिकायत सीएम हेल्प लाइन में करने के लिए 181। लेकिन, इन नंबरों को डायल करने पर भी किसी प्रकार की सहायता नहीं मिल पाती क्योंकि छग राज्य का नेटवर्क होने के कारण वहां की सुविधाओं के लिए फोन लग जाता है।पांच साल में एक भी बार नहीं पहुंचीं सांसद
यहां के ग्रामीणों ने बताया कि सांसद रीती पाठक का पांच साल का कार्यकाल बीत गया। वे एक बार भी इस गांव में नहीं पहुंचीं। लोकसभा का चुनाव प्रचार चरम पर है। प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी भी अब तक नहीं पहुंचे हैं। एक दिन दोनों दलों का एक प्रचार वाहन आया था। वह मुख्य मार्ग से घूम लौट गया। हरदी के सरपंच कमलेश सिंह बताते हैं कि गांव में बिजली पहुंचाने के लिए कई साल से संघर्ष कर रहे हैं।ऐसा है हाल
ग्राम पंचायत हरदी की आबादी-1860ग्राम पंचायत में मतदाता- 1277
ताल व छड़हुला गांव की आबादी-737
दोनों गांव में मतदाता- 488
बैगा परिवार-50
जनसंख्या- 167