अज्ञात चोर बैंक के पीछे की खिड़की को तोड़ा गया, टूटने के बाद खिड़की को निकालकर बाहर फेंक दिया गया। इसके बाद वे अंदर प्रवेश किए। चोरों को आशंका थी कि बैंक का सीसीटीवी कैमरा चालू होगा, जिससे वे पहले कैमरे व उसके बाद लगे हूटर का वायर काट दिए। इसके बाद वे तिजोरी के पास पहुंचे। तिजोरी न टूटने पर वे गैस कटर से तिजोरी को काटा, इसके बाद १५ लाख की चोरी को अंजाम दिया।
बैंक में कैश की कमी थी, जिसके कारण बैंक मैनेजर के मांग पत्र पर जिला मुख्यालय मुख्य शाखा ने सोमवार की शाम करीब 6 बजे 10 लाख रुपए भेजा था, बैंक में पहले से 5 लाख रुपए मौजूद था, बैंक कर्मियों ने 15 लाख रुपए तिजोरी में रखकर लाक कर दिया गया था। अज्ञात चोरों ने सोमवार की रात्रि ही पूरे 15 लाख रुपए साफ कर दिए।
चोरी की इस घटना में बैंक प्रवंधन की लापरवाही सामने आई है। बैंक की सुरक्षा के लिए रात्रि में सुरक्षा गार्ड की तैनाती नहीं की जाती है बल्कि सुरक्षा सीसीटीवी कैमरे के भरोसे रहती है। लेकिन मध्यांचल ग्रामीण बैंक में तीन सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था, जो महीनों से खराब पड़ा हुआ है। बैंक मैनेजर कैमरे की सुधार की जगह सिर्फ पत्राचार में ही जुटे रह गए, जिसका फायदा उठाते हुए चोर वारदात को अंजाम दे दिए। यदि कैमरा चालू होता तो फुटेज के आधार पर पुलिस को चोरों तक पहुंचने में सहायता मिलती।
नोटबंदी के बाद जिले में रुपए की किल्लत बनी हुई है। वर्तमान में भी एटीएम व बैंक खाताधारकों को राशि उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। इस बीच अक्सर भय बना रहा कि लोग तंगी में आकर चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। जिसके कारण पुलिस प्रशासन भी कई मर्तवा बैंक मैनेजरों की बैठक लेकर सतर्क रहने की बात कह चुके हैं। इसके बाद भी लापरवाही बरती गई। ये नोटबंदी के बाद बैंक की तिजोरी तोड़कर चोरी की पहली घटना है।