पिता के इलाज के लिए रुपए चाहिए थे, वीडियो देख ATM तोड़ना सीखा, दोस्तों के साथ मिलकर दिया वारदात को अंजाम
जो लेते समय ही एसीबी की टीम ने एएसआई को रंगे हाथ पकड़ लिया। एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक श्री सौरव श्रीवास्तव ने बताया कि परिवादी मंगलचंद ने पाटन पुलिस थाने में 18 जुलाई को मारपीट का मुकदमा दर्ज करवाया था। जिस पर सामने वाले पक्ष ने भी क्रॉस मुकदमा दर्ज करवा दिया था। इसी मुकदमेे में परिवादी ने जब अपनी बेटी का नाम हटवाने की मांग रखी तो एएसआई ने पांच हजार रुपए रिश्वत की मांग रख दी थी। लडक़ी का नाम हटाने की एवज में एएसआई अशोक कुमार रैगर परिवादी से 5 हजार रुपए की रिश्वत की राशि की मांग कर रहा था।