scriptअभावों को मात देकर अर्चना ने बनाई पहचान, वेट लिफ्टिंग में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर जीते 21 मेडल | Archana Biloniya Of Sikar's Raipur Village Won 21 Medal At National And State Level In Weight Lifting | Patrika News
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अभावों को मात देकर अर्चना ने बनाई पहचान, वेट लिफ्टिंग में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर जीते 21 मेडल

Motivational Story: यदि मन में कुछ करने का जुनून हो तो तमाम मुसीबतों को भी मात देकर इतिहास रचा जा सकता है। यह साबित कर दिखाया है रायपुर गांव की अर्चना बिलोनिया ने। अर्चना अब तक वेट लिफ्टिंग में राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर 21 मेडल जीते चुकी है।

सीकरAug 25, 2023 / 04:06 pm

Akshita Deora

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सीकर. Motivational Story: यदि मन में कुछ करने का जुनून हो तो तमाम मुसीबतों को भी मात देकर इतिहास रचा जा सकता है। यह साबित कर दिखाया है रायपुर गांव की अर्चना बिलोनिया ने। अर्चना अब तक वेट लिफ्टिंग में राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर 21 मेडल जीते चुकी है। अर्चना ने परिवार की आर्थिक हालत खराब होने के बावजूद खेल के सपनों को टूटने नहीं दिया। रचना के पिता बंशीलाल बिलोनियां व दो बड़े भाई प्रदीप व मंजीत पत्थर की खान में मजदूरी करते हैं। खेल सामग्री से लेकर अच्छी डाईट के भी पैसे नहीं थे। खिलाड़ी के संघर्ष को देखकर कोच दुर्जनसिंह शेखावत व उदयभानसिंह रावत ने सहारा दिया।

अर्चना पढ़ाई के लिए भी कर रही संघर्ष
परिवार की आर्थिक हालत खराब होने की वजह से अर्चना के चारों भाई-बहनों में से सिर्फ वही पढ़ाई कर जारी रख सकी। दो भाई व एक बड़ी बहन को सातवीं के बाद ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। पूरा परिवार एक छान के मकान मे रहता है। अभी अर्चना जयपुर के विद्याधर नगर में कोच उदयभानसिंह रावत के पास तैयारी कर रही हैं। अर्चना का कहना है कि डाइट व अन्य खर्चे की समस्या आ रही है। सरकार की ओर से भी कोई आर्थिक सहयोग या छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। वहीं अभी तक उन्हें कोई स्पॉन्सर भी नहीं मिला है।

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ऐसे शुरू हुआ संघर्ष
अर्चना बिलोनिया ने बताया कि 2017 में सीकर के एसके कन्या कॉलेज में दाखिला लिया था। इस दौरान एथलेटिक्स की तैयारी के लिए जिला खेल स्टेडियम में अभ्यास के लिए जाना शुरू कर दिया। शुरू में अर्चना ने शॉर्टपुट व डिस्कस थ्रो की तैयारी की। बाद में कोच के कहने पर अर्चना ने वेट लिफ्टिंग में राहें तलाशना शुरू किया। वेट लिफ्टिंग में अर्चना ने पहली ही बार में स्टेट लेवल के पुुुुरुष खिलाड़ियों को भी पीछे छोड़ दिया। कोच ने इसके बाद अर्चना को भारोत्तोलन में ही आगे बढ़ाया। अर्चना के पास गांव से जिला खेल स्टेडियम में आने का किराया तक नहीं होता था, ऐसे में कोच ने काफी मदद की।
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ऐसे म्हारी बेटी बढ़ा रही मान
अर्चना ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में वेट लिफ्टिंग में एक गोल्ड, चार सिल्वर व दो कांस्य सहित कुल 7 पदक जीते हैं। वहीं पावर लिफ्टिंग में एक गोल्ड मेडल, चार सिल्वर व पांच ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। वहीं स्ट्रेंथ लिफ्टिंग में चार गोल्ड मेडल और स्ट्रेंथ लिफ्टिंग में ही राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है। ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी की वेट लिफ्टिंग चैंपियनशिप में दो बार व पावर लिफ्टिंग में तीन बार हिस्सा ले चुकी हैं। कबड्डी कोच रतनसिंह ढाका ने अर्चना को नेशनल गेम्स लखनऊ खेलने जाने के दौरान पूरा खर्चा वहन किया था।

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