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शेखावाटी के किसानों का दिल नहीं जीत सकी भाजपा-कांग्रेस, सियासत की रेस में माकपा यूं निकल गई आगे

locationसीकरPublished: Feb 25, 2018 01:02:09 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

माकपा नेताओं ने सम्पूर्ण कर्जामाफी की मांग को लेकर लगातार संघर्ष जारी रहने का ऐलान किया है।

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सीकर.

शेखावाटी में सालभर में हुए दो किसान आंदोलन के जरिए माकपा किसानों पर पकड़ बनाने में सफल रही है। जबकि शेखावाटी में भाजपा-कांग्रेस कर्जा माफी के मुद्दे को अपने-अपने तरीके से भुनाने में पूरी तरह असफल रही है। माकपा नेताओं ने सम्पूर्ण कर्जामाफी की मांग को लेकर लगातार संघर्ष जारी रहने का ऐलान किया है। शनिवार को चक्काजाम स्थगित होने के बाद राहत की सांस ली। वहीं यातायात व्यवस्था पर पटरी पर लौट आई है।


कर्जा माफी घोषणा भुना रही माकपा
सरकार की 50 हजार की कर्जा माफी की घोषणा को भी शेखावाटी में भाजपा से ज्यादा माकपा भुना रही है। माकपा नेता गांव-ढाणियों में पिछले एक वर्ष से लगातार सक्रिय है। पहले किसानों को कर्जा माफी के मुद्दे पर एकजुट किया। फिर पिछले साल सीकर में 13 दिन आंदोलन कर सरकार से कमेटी बनवाई। अब बजट में सरकार ने कर्जा माफी की घोषणा कर दी।

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माकपा: हर वर्ग को जोड़ा
पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद माकपा ने किसानों के ट्रेक पर फिर से काम करना शुरू किया। पहले बिजली आंदोलन के जरिए किसानों को जोड़ा। इसके बाद 13 दिन के किसान आंदोलन के लिए जमीन तैयार की। बिजली आंदोलन की सफलता से उत्साहित किसानों ने माकपा को काफी समर्थन दिया। यही वजह है कि दोनों बार किसान आंदोलन से घबराई सरकार बैकफुट पर आई।


भाजपा: किसानों का नहीं जीत पाए दिल
बिजली बिल बढ़ोतरी, कृषि कनेक्शन व कर्जा माफी के मामले में सरकार ने देरी से भले ही निर्णय लिया हो लेकिन किसानों को थोड़ी राहत हर मामले में जरूर दी। लेकिन भाजपा इन सभी मुद्दो को लेकर किसानों का दिल नहीं जीत सकी। भाजपा आलकमान सांसद, विधायक व जनप्रतिनिधियों को लगातार कहता रहा है कि कार्यकर्ताओं को हर गांव-ढाणी में जाकर सरकार की घोषणाओं के बारे में बताया जाए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


कांग्रेस: नहीं आए सडक़ पर
कांगे्रस ने किसानों के मुद्दों को लेकर चार वर्ष में कई बार एक दिवसीय प्रदर्शन किए। पिछले साल कृषि उपज मंडी में किसानों ने सभा भी की। लेकिन कांग्रेस कर्जा माफी के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में पूरी तरह सफल नहीं रही। इसके पीछे बड़ी वजह प्रदेशव्यापी आंदोलन नहीं होना है।


राज्य समिति करेगी रणनीति का खुलासा

किसान आंदोलन को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा अब 27 फरवरी को नई रणनीति का ऐलान करेगी। किसान सभा के सागर खाचरिया व रामरतन बगडिय़ा ने बताया कि 26 फरवरी को राज्य कमेटी की बैठक होगी। इसके बाद 27 फरवरी को नई रणनीति का ऐलान राज्य कमेटी करेगी। इधर, 28 फरवरी को राज्य कृषक ऋण राहत आयोग भी अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।

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