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सीकर

टोल से बचने के लिए क्या कर रहे हैं वाहन चालक

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सीकरMar 17, 2019 / 06:13 pm

Vinod Chauhan

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टोल से बचने के लिए क्या कर रहे हैं वाहन चालक

पलसाना. अखैपुरा टोल बूथ पर आसपास के गांवों के वाहनों को टोल में छूट दिए जाने की मंाग को लेकर ग्रामीणों का धरना तीसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा। इस दौरान ग्रामीणों के वैकल्पिक मार्ग से दूसरे दिन भी वाहन गुजरते रहे और टोल बूथ की लाइन सूनी पड़ी रही। हालंाकि दिनभर में टोल संचालकों और ग्रामीणों के बीच तीन बार वार्ता भी हुई लेकिन दोनों पक्षों के बीच मांगों को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद अब ग्रामीणों ने आन्दोलन को उग्र करने की चेतावनी दी है। उधर टोल संचालकों का कहना है कि उन्होने इसको लेकर एनएचएआई के अधिकारियों को अवगत करवा दिया है और वो प्रशासनिक अधिकारियों से सम्पर्क कर जल्द ही कदम उठाएंगे।
इन पर बनी सहमति
ग्रामीणों ने वार्ता के दौरान टोल बूथ पर आवश्यक सेवाओं के रूप में शौचालय निर्माण और पेयजल उपलब्ध करवाने की मांग रखी। इस पर जीआर कम्पनी के अधिकारियों की ओर से डेढ़ माह में शौचालय व पेजलय टंकी का निर्माण करवाने की बात कही है।
साथ ही तब तक पेयजल के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में पानी के कैन रखवाने की बात कही है। इसके अलावा राजमार्ग व अंडरपासों की सफाई नियमित रूप से करवाने, रात के समय रोड लाइटें नियमित रूप से चालू रखने आदि को लेकर भी आश्वासन दिया है।
इससे पहले आन्दोलन के तीसरे दिन रामदेवसिंह खोखर, सुरेन्द्र फुलवारिया, महेन्द्र लिढ़ाण, संत कुमार सुड़ा, भगवान सहाय जाखड़ आदि पांच आदमी क्रमिक अनशन बैठे रहे। इस दौरान टोल संचालन कम्पनी के जीएम अशोक यादव, मैनेजर मंगलसिंह आदि रानोली थाने पहुंचे और ग्रामीणों को वार्ता के लिए थाने पर बुलाया। थाने में नायब तहसीलदार गंभीरसिंह व थानाधिकारी पवन कुमार चौबे की उपस्थिति में ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल की टोल संचालकों के साथ वार्ता हुई, लेकिन वार्ता बेनतीजा हुई। इसके बाद ग्रामीण वापस धरना स्थल पर आ गए। इस दौरान नायब तहसीलदार ने टोल संचालकों को खाटूश्यामजी मेले का हवाला देकर टोल संचालकों को जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचने की बात कही। इसके बाद कुछ देर बाद टोल संचालकों ने एक बार फिर से ग्रामीणों को टोल ऑफिस पर ही वार्ता के लिए बुलाया। इस दौरान ग्रामीणों की कई मांगों को लेकर तो सहमति बन गई। लेकिन स्थानीय वाहनों को फ्री पास जारी करने को लेकर फिर से बात नही बन सकी। जिसस वार्ता विफल हो गई और ग्रामीण फिर से धरना स्थल पर ही आकर बैठ गए। बाद में शाम सात बजे एक बार फिर से दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई लेकिन वो भी बेनतीजा रही। इस दौरान ओमप्रकाश भामू, बीरबल राव, बजरंगलाल, हीरालाल यादव, श्यामलाल राव, गुलाब छबरवाल, रामनाराण चौधरी, गोविन्दराम बगडिय़ा, पन्नालाल बाजडोलिया, सुनिल लिढाण सहित कई लोग मौजूद थे।
आन्दोलन को उग्र करने की दी चेतावनी
शनिवार को ग्रामीणों की टोल संचालकों के साथ तीन बार वार्ता हुई लेकिन मांगों को लेकर कोई सहमति नही बनने पर ग्रामीणों ने अब आन्दोलन को उग्र रूप देने की चेतावनी दी है। ग्रामीणों ने बताया कि आसपास के गांवों के वाहन चालकों को जब से टोल शुरू हुआ है टोल में छूट मिल रही थी। वही छूट ग्रामीण अब मांग रहे है लेकिन टोल संचालक अपनी जिद पर अड़े हुए है। ऐसे में अब आरपास की लड़ाई लड़ी जायेगी और रविवार को आसपास से काफी संख्या में ग्रामीण एकत्रित होकर शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
वैकल्पिक मार्ग से निकलते रहे वाहन टोल हो गया सूना
ग्रामीणों ने शुक्रवार को ही टोल संचालकों को नुकसान पहुंचाने के लिए टोल के पास से ही वैकल्पिक मार्ग बना लिया था। जिससे अपने वाहनों के साथ ही दूसरे वाहन भी निकाल रहे थे। लेकिन शनिवार को ग्रामीणों ने टोल से पहले सडक़ पर खड़े होकर सीकर की तरफ से आने वाले सभी छोटे मोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से होकर ही निकालना शुरू कर दिया। इस दौरान ट्रक और निजी बसों के साथ कई रोडवेज की बसें भी टोल बचाने के चक्कर में वैकल्पिक मार्ग से होकर ही निकलती रही। वैकल्पिक मार्ग से वाहनों के निकलने से टोल बूथ की लाइनें दिनभर सूनी पड़ी रही। जिससे टोल संचालकों को राजस्व के रूप में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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