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सीकर जिले में बढ़ा बाल लिंगानुपात

2011 में 848 था बाल लिंगानुपात और 2020 में हुआ 952समन्वयक बोले: ब्लॉकवार आंकडे जारी नहीं

सीकरFeb 24, 2021 / 07:41 pm

Puran

सीकर में बढ़ रही है बेटियां

सीकर में बढ़ रही है बेटियां

सीकर। कन्या भू्रण हत्या जैसे महापाप के बीच राहत की खबर है कि सीकर जिले में बाल लिंगानुपात बढ रहा है। यह खुलासा पीसीटीएस की ओर से जारी आंकडों के अनुसार हुआ है। आंकडों के अनुसार जिले में अब एक हजार लड़कों पर 952 लड़कियां हैं। पिछले साल की तुलना में जिले के बाल लिंगानुपात में 4 अंकों की बढोत्तरी हुई है। पीसीपीएनडी जिला समन्वयक नंदलाल पूनिया ने बताया कि प्रदेश में बाल लिंगानुपात 2019 व 2020 के आंकड़ों की समीक्षा की गई है, जिसमें बाल लिंगानुपात पिछले वर्ष 2019 के 948 से बढकर 2020 में 952 हो गया है। हालांकि अभी ब्लॉकवार आंकड़े जारी नहीं हुए हैं।
इन कारणो से बढ़ा

जिले में वर्ष 2011 से लेकर अब तक 104 अंकों की बढोत्तरी हुई है। वर्ष 2011 में सीकर जिले का बाल लिंगानुपात 848 था। विभाग की ओर से बाल लिंगानुपात में सुधार करने के लिए डॉट्र्स ऑर प्रिसियस कार्यक्रम, मुखबिर योजना का परिणाम है। इसके अलावा विभाग की ओर से समय समय पर डिकॉय ऑपरेशन भी किए गए।सीकर में सात डिकॉय
चिकित्सा विभाग की ओर से वर्ष 2011 से लेकर 2019 तक सात बड़े डिकॉय ऑपरेशन किए गए हैं। इन डिकॉय ऑपरेशन में सीकर जिले के नीमकाथाना, फतेहपुर, जयपुर के सीमावर्ती इलाके में अवैध परीक्षण के मामलों का खुलासा हो चुका है। वहीं इस धंधे में लिप्त लोगों ने अपना ठिकाना बदल कर दूसरे जिले में बना लिया है। जिससे ***** परीक्षण पर कुछ हद तक रोक लगी। वहीं कोरोना काल के दौरान सीकर में सोनोग्राफी सेंटर्स का निरीक्षण नहीं हो सका। जिसके बाद मुख्यालय ने चिकित्सा विभाग को सोनोग्राफी सेंटर्स के निरीक्षण के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
जिले के लिए अच्छा संकेत

स्त्री रोग विशेषज्ञ डा बीएल राड के अनुसार के अनुसार जिले में लिंगानुपात में बढ़ोतरी होने एक अच्छा संकेत है। विभाग को विशेष अभियान चलाकर इस दिशा में सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
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