scriptVIDEO: प्रशासन का नकारापन: आखिर गिर ही गया गरीब के घर पेड़, बाल- बाल बची बुजुर्ग की जान | Negligence of the administration: After all, the tree has fallen in th | Patrika News
सीकर

VIDEO: प्रशासन का नकारापन: आखिर गिर ही गया गरीब के घर पेड़, बाल- बाल बची बुजुर्ग की जान

सीकर. इसे प्रशासन का नकारापन कहें या नकटाई। खंडेला के भादवाड़ी गांव में गरीबी से संघर्ष कर रहा रवि नट का परिवार मौत का साया बने एक सूखे बरगद के पेड़ को कटवाने की गुहार पांच साल से शासन- प्रशासन से कर रहा था।

सीकरAug 04, 2023 / 12:22 pm

Sachin

प्रशासन का नकारापन: आखिर गिर ही गया गरीब के घर पेड़, बाल- बाल बची बुजुर्ग की जान

प्रशासन का नकारापन: आखिर गिर ही गया गरीब के घर पेड़, बाल- बाल बची बुजुर्ग की जान

सीकर. इसे प्रशासन का नकारापन कहें या नकटाई। खंडेला के भादवाड़ी गांव में गरीबी से संघर्ष कर रहा रवि नट का परिवार मौत का साया बने एक सूखे बरगद के पेड़ को कटवाने की गुहार पांच साल से शासन- प्रशासन से कर रहा था। पर किसी भी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। आखिरकार घर के बिल्कुल नजदीक स्थित इस पेड़ की एक बड़ी डाल शनिवार को हुई बारिश में टूटकर परिवार के कच्चे मकानों पर गिर पड़ी। जो मकान की रसोई के टिनशैड को तोड़ती हुई अंदर तक घुस गई। गनीमत से चंद पल पहले ही रसोई से बाहर निकलने पर रवि की मां तो बाल- बाल बच गई। लेकिन, घटना ने प्रशासन गांवो के संग अभियान के दावों की धज्जियां उड़ा दी है।


मंदिर में लेता है शरण, अर्जियों की मोटी फाइल तैयार
रवि नट भांड कलाकार है। उसका 21 सदस्यों का परिवार एक कच्चे मकान में रहता है। जिसके पास स्थित पुराना सूखा बरगद कई सालों से परिवार के लिए दहशत का सबब बना हुआ है। आलम ये है कि बारिश व तूफान की स्थिति में परिवार को घर छोडकऱ नजदीकी मंदिर में शरण लेनी पड़ती है। पेड़ को हटाने के लिए रवि ग्राम सेवक, सरपंच, तहसीलदार, एसडीएम, कलक्टर व संपर्क पोर्टल के जरिये राज्य सरकार तक गुहार लगा चुका है। 18 फरवरी 2020 को रात्रि चौपाल में पीड़ा रखने पर कलक्टर और फिर प्रशासन गांवों के संग अभियान में एसडीएम ने पेड़ हल्का करने के निर्देश भी दिए। पर किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच रवि के पास अर्जियों व आदेशों की मोटी फाइल भी जमा करवाई।

 

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8n04z3

जमीन दस्तावेजों की आड़, जिंदगी से खिलवाड़
प्रशासन जमीन दस्तावेजों की आड़ में भी रवि के परिवार की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। बकौल रवि उसका परिवार करीब 31 साल से वहां रह रहा है। जिसके कुछ हिस्से का भाई के नाम पट्टा भी है। बाकी हिस्से के पट्टे के लिए बीडीओ के आदेश पर उसने पंचायत ने 120 रुपये की रसीद कटवा रखी है। स्वच्छता अभियान के तहत राजस्व विभाग ने शौचालय का निर्माण भी करवाया है। इसके बावजूद प्रशासन पेड़ कटवाने में जमीन के पट्टे की रिपोर्ट मांग रहा है।

पत्रिका ने उठाया मुद्दा तो काटी कुछ डालियां
रवि नट की परेशानी पिछले साल पत्रिका ने भी उजागर की थी। जिसके बाद पंचायत ने पेड़ की डालियां तो काटी, लेकिन घर के लिए खतरा बनी बड़ी डालियों को उस समय छोड़ दिया गया। जिसका खामियाजा परिवार को अब भुगतना पड़ा है। गौरतलब है कि पत्रिका ने उस समय मुद्दा उठाया था कि रवि नट के पास भले ही पूरी जमीन का पट्टा नहीं है लेकिन, उसका अतिक्रमण भी प्रशासन सिद्ध नहीं कर पाया। ऐसे में एकबारगी बरगद कटवाकर उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया करवानी चाहिए। भले ही बाद में अतिक्रमण सिद्ध होने पर प्रशासन उसके खिलाफ कार्रवाई करे।

इनका कहना है:

ये बात अभी संज्ञान में आई है। अभी मामला दिखवाता हूं। पीडि़त पक्ष की हर संभव मदद की जाएगी।
विजय बाजिया, नायब तहसीलदार, खंडेला।

गांव में कुछ लोगों की आपत्ति की वजह से मैं अपने स्तर पर पेड़ नहीं कटवा पा रहा था। बार- बार की गुहार के बाद प्रशासन ने भी सुनवाई नहीं की। आखिरकार पिछले शनिवार को बरसात में पेड़ की डाली टूट गई। जिसमें मां की जान बाल- बाल बची। पर अब तक प्रशासन से कोई संभालने नहीं आया है।
रवि नट, पीडि़त।

Hindi News/ Sikar / VIDEO: प्रशासन का नकारापन: आखिर गिर ही गया गरीब के घर पेड़, बाल- बाल बची बुजुर्ग की जान

ट्रेंडिंग वीडियो