
Indian Railway : कश्मीर को कन्याकुमारी तक रेल के जरिए जोड़ने का सपना बहुत जल्द ही पूरा होने जा रहा है। संगलदान से रियासी तक रविवार को पहली परीक्षण ट्रेन को दौड़ाया गया। सबसे खास बात यह है कि इस ट्रेन दुनिया के सबसे ऊंचे पुल पर भी दौड़ाया गया। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ट्रायल रन की सूचना दी है। उन्होंने बताया है कि इस ट्रेन ट्रैक का काम करीबन पूरा हो चुका है। टी1 सुरंग के निर्माण कार्य के चलते कटड़ा से रियासी के बीच करीब 30 किलोमीटर के ट्रैक का कार्य लंबित है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया है कि अभी ट्रायल रन चलता रहेगा। ट्रेन ट्रैक पर पूरी तरह से परीक्षण के बाद ही इस पर ट्रेन के परीचालन की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद सिर्फ साढ़े तीन घंटे में श्रीनगर से जम्मू का सफर पूरा होगा। गौरतलब है कि 272 किलोमीटर लंबी ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना पर दशकों से कार्य चल रहा है। बनिहाल से श्रीनगर होते हुए बारामुला तक 161 किलोमीटर पहले से ट्रेन दौड़ रही है।
अभी संगलदान से बनिहाल तक चल रही है ट्रेन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जनवरी को संगलदान से ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद बनिहाल से संगलदान तक ट्रेन चल रही है। इस ट्रायल रन के बाद 37 पुल के साथ 111 किमी कटड़ा-बनिहाल रेल खंड में भी ट्रेन दौड़ेगी। इसी खंड में चिनाब पर बना विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च पुल भी है। अब पूरे ट्रैक का काम पूरा हो गया जल्द जम्मू से श्रीनगर ट्रेन चलेगी।
कटड़ा टी 1 सुरंग के कारण लटका हुआ काम
रियासी से कटरा तक ट्रेन पहुंचने के लिए 3.2 किलोमीटर लंबी टी 1 सुरंग के कारण लटका है। सुरंग की भौगोलिक परिस्थितियां कि इंजीनियरों की बाधा खत्म नहीं हो रही है। सुरंग में पानी टपकने से कार्य में बाधा आती रही है। इसका काम पूरा होते ही ट्रेन के माध्यम से कश्मीर से कन्याकुमारी जुड़ जाएगा। फिर दिल्ली से 12 घंटे से भी कम समय में श्रीनगर पहुंचा जा सकेगा।
एफिल से भी ऊंचा है चिनाब ब्रिज
नदी,पहाड़ और घने जंगलों के बीच से गुजरते इस ट्रैक पर बना रेलवे का सबसे ऊंचा पुल एफिल टावर से भी ऊंचा है। यह एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा और 1.3 किलोमीटर लंबा है। इस पुल को बनाने के लिए एक पिलर की लंबाई 103.26 मीटर और जमीन के ऊपर का भाग 95 मीटर है। यह पिलर कुतुबमीनार से भी 22 मीटर ऊंचा है। कुतुब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर है।
30 हजार मीट्रिक टन स्टील से बना है चिनाब पुल
चिनाब रेल पुल के निर्माण में कुल 30,000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है। इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है। यह 260 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है। इस ब्रिज का निर्माण उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत किया गया है। ट्रेन 7 स्टेशनों से होकर बारामूला पहुंचेगी।
Updated on:
20 Jun 2024 04:06 pm
Published on:
16 Jun 2024 08:10 pm
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