सीकर और धोद के बाद हम फतेहपुर तहसील पहुंचे। हाईवे की सर्विस लेन पर खड़े वाहन थे, तहसील से कई वकील फाइलों के साथ आ-जा रहे थे। हम भी एक वकील साहब के पास कुर्सी खींचकर बैठ गए। वहां चार-पांच लोग पहले से जमे थे।
सीकर•Jun 25, 2023 / 08:51 am•
arun Kumar
अरुण कुमार
Rajasthan Assembly Election 2023 : सीकर और धोद के बाद हम फतेहपुर तहसील पहुंचे। हाईवे की सर्विस लेन पर खड़े वाहन थे, तहसील से कई वकील फाइलों के साथ आ-जा रहे थे। हम भी एक वकील साहब के पास कुर्सी खींचकर बैठ गए। वहां चार-पांच लोग पहले से जमे थे। हमने यहां की प्रमुख समस्याओं पर बात की तो वकील साहब अपने काले-पीले दांत दिखाते हुए बोले, हमने कभी सुपारी तक नहीं खाई, मगर दांत देखकर कोई यकीन नहीं करता। सब फ्लोराइड की देन है। यहां 50 साल में लोगों की हड्डियां टेढ़ी होने लगती है। लोग अपनी बेटियां ब्याहने से डरते हैं। एक दशक पहले तक यहां कुंवारों की फौज थी। सेना में भर्ती होने पर कुछ लोगों का ब्याह हो गया मगर तमाम कुंवारे अभी भी हैं।
अमूमन एक पीपीएम से ज्यादा फ्लोराइड वाला पानी पीने लायक नहीं होता, मगर यहां के पानी में तो छह पीपीएम तक फ्लोराइड है। सरकार ने कुछ आरओ लगावाए, मगर सब बेकार पड़े हैं। लोग 20 लीटर का कैन खरीदकर पानी पीते हैं। हालांकि लोगों को कई योजनाओं का लाभ मिल रहा है, लेकिन चिरंजीवी योजना से यहां लोगों को खास फायदा नहीं हो रहा। इलाज के लिए जयपुर या सीकर जाना मजबूरी है।
वकील साहब अपनी बात खत्म करते कि स्टूडियो चलाने वाले राकेश शर्मा बोले, भाईजी बारिश में यहां हफ्तों सडक़ नहीं दिखती। बारिश के पानी की कोई निकासी नहीं है। इस बार बजट में डे्रनेज सिस्टम पास हुआ है, मगर कब तक बनेगा पता नहीं। चुनाव के बाद पता नहीं किसकी सरकार हो, कहीं डे्रनेज सिस्टम अटक न जाए।
Home / Sikar / Rajasthan Assembly Election: फ्लोराइड का खौफ इतना…लोग बेटियां ब्याहने से बचते, खाड़ी देश कमाने जाते