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सीकर

कांग्रेस- भाजपा को कर रहे ‘अन्य‘, अब ये जातियां तय करेगी भाग्य

विधानसभा चुनाव में महज 24 घंटे का समय बाकी रहा है। चुनावी दौड़-भाग के बीच मतदाता मतदान से पहले हार-जीत के गुणा-भाग में जुटे हैं।

सीकरNov 24, 2023 / 11:23 am

Sachin

राजस्थान में यहां 14 चुनाव में जीत चुके हैं 6 दल व 2 निर्दलीय, इस बार भी रोचक मुकाबला

राजस्थान में यहां 14 चुनाव में जीत चुके हैं 6 दल व 2 निर्दलीय, इस बार भी रोचक मुकाबला

विधानसभा चुनाव में महज 24 घंटे का समय बाकी रहा है। चुनावी दौड़-भाग के बीच मतदाता मतदान से पहले हार-जीत के गुणा-भाग में जुटे हैं। हर कोई जानना चाहता है कि किस सीट पर किस पार्टी व प्रत्याशी की जीत की प्रत्याशा कितनी है। ऐसे में जिले की आठों विधानसभा में मुकाबलों की स्थित ,जातिगत गणित व निर्णायक जातियों का आकलन पेश किया जा रहा है। जिनसे इन क्षेत्रों की चुनावी दिशा- दशा को समझा जा सकता है।

सीकर: शहरी- ग्रामीण व जातिगत मतो में उलझा पेच
16 उम्मीदवारों वाले सीकर विधानसभा में लगातार तीसरे चुनाव में मुकाबला त्रिकोण में फंस गया है। इस बार कांग्रेस व भाजपा को चुनौती देने उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल ने निर्दलीय ताल ठोकी है। भाजपा से बागी होकर चुनावी मैदान में उतरे धायल की वजह से चुनाव ग्रामीण व शहरी मतदाताओं तथा जातिगत गणित में उलझता नजर आ रहा है। इससे कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र पारीक व भाजपा प्रत्याशी रतनलाल जलधारी दोनों को कड़ी चुनौती मिल रही है। मुस्लिम बाहुल्य वाले इस क्षेत्र में प्रत्याशियों की हार- जीत में जाट व एससी के मत निर्णायक की भूमिका में आ गए हैं।

जातिगत आंकड़ा
मुस्लिम- 65 हजार
जाट – 60 हजार
एससी- 35 हजार
ब्राहï्मण- 30 हजार
माली- 20 हजार
महाजन- 15 हजार
राजपूत- 15 हजार
कुमावत- 15 हजार
एसटी- 8 हजार
अन्य: 99427
कुल मत: 289500


श्रीमाधोपुर: निर्दलीय ने बदले समीकरण, यादव मतदाता अहम
श्रीमाधोपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत के लिए सीट निकालना इस बार आसान नहीं है। उन्हें अपने परंपरागत प्रतिद्वंद्वी झाबर सिंह खर्रा से तो टक्कर मिल ही रही है, बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे बलराम यादव ने भी राजनीतिक समीकरण बदल रखे हैं। हालांकि मजबूत स्थिति के साथ कांग्रेस ने यहां अब भी मुकाबले को त्रिकोणीय बना रखा है। यहां यादव व माली मत निर्णायक की भूमिका में है।

जातिगत आंकड़ा
एससी: 45 हजार
जाट: 40 हजार
माली: 35 हजार
यादव: 35 हजार
ब्राह्मण व महाजन: 35 हजार
राजपूत: 30 हजार
एसटी: 15 हजार
अन्य: 52119
कुल मत: 277119

फतेहपुर
फतेहपुर: चार कोनों में बंटे मतदाता, जाट निर्णायक
फतेहपुर विधानसभा सीट के लिए 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। विधायक व कांग्रेस प्रत्याशी हाकम अली के सामने यहां भाजपा ने नए चेहरे के रूप में सीएलसी निदेशक श्रवण चौधरी पर दाव खेला है। जिससे नाराज मधुसूदन भिंडा ने भाजपा से बगावत कर निर्दलीय और कभी भाजपा से उम्मीदवार व निर्दलीय विधायक रहे नंदकिशोर महरिया ने जेजेपी से खम ठोककर मुकाबले को चतुष्कोणीय बना रखा है। इस समीणकरण से भाजपा के वोट तीन प्रत्याशियों में बंटने की संभावना के साथ यहां कांग्रेस प्रत्याशी थोड़ी राहत में है, लेकिन एंटी इन्कंबेंसी के साथ परंपरागत जाट वोट छिटकने की आशंका कड़ी चुनौती भी है। कुल मिलाकर यहां जाट मतदाताओं की भूमिका बेहद अहम हो गई है। वे ही चुनाव की दिशा व उम्मीदवार की दशा तय करेंगे।

जातिगत आंकड़ा
जाट: 62 हजार
मुस्लिम: 65 हजार
एससी व एसटी: 32 हजार
ब्राह्मण: 22 हजार
माली: 15 हजार
महाजन: 4 हजार
राजपूत: 18 हजार
अन्य: 32939
कुल मत: 250939

धोद: त्रिकोणीय मुकाबला, जाट व मुस्लिम निर्णायक

धोद में मुकाबला बेहद रोचक मोड़ पर है। 11 प्रत्याशियों वाले इस क्षेत्र में भाजपा से गोरधन वर्मा के सामने कांग्रेस ने शिक्षक नेता जगदीश दानोदिया पर दाव खेला है। पर टिकट नहीं मिलने से नाराज विधायक परसराम मोरदिया के बेटे महेश मोरदिया ने आरएलपी से मुकाबले में उतरकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। इधर, कांग्रेस की अंदरुनी अदावत में माकपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक पेमाराम भी मुकाबले में मुख्य भूमिका में आ गए हैं। एससी सीट पर अब यहां सबकी निगाहें जाट और उसके बाद मुस्लिम मतदाताओं पर टिक गई है। ये दोनों यहां निर्णायक भूमिका में होगी।
जाट: 80 हजार
एससी : 47 हजार
राजपूत: 30 हजार
मुस्लिम: 25 हजार
ब्राह्मण: 20 हजार
एसटी: 5 हजार
अन्य: 72128
कुल मत: 279128

खंडेला: बदले सिंबलों से चुनाव, जाट व माली अहम
10 उम्मीदवारों वाले खंडेला में पिछले चुनाव के प्रत्याशियों की पार्टी व सिंबल आपस में बदलने पर चुनाव दिलचस्प मोड़ पर है। यहां 2018 के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सुभाष मील भाजपा और निर्दलीय चुनाव जीते महादेव सिंह फिर कांग्रेस से चुनावी मैदान में है। जिन्हें भाजपा से बागी पूर्व चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया निर्दलीय चुनौती दे रहे हैं। यहां सुभाष मील के सामने कांग्रेस के पुराने मतदाता छिटकने व भाजपा कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना चुनौती है तो महादेव सिंह को मील के साथ गए कार्यकर्ताओं से नुकसान होने की आशंका है। वहीं, बाजिया के सामने भी भाजपा के परंपरागत वोट नहीं मिलने की चुनौती है। यहां हार- जीत का गणित जाट व माली समाज पर ज्यादा टिका है।

जातिगत आंकड़ा
जाट: 95 हजार
माली: 28 हजार
एससी: 25 हजार
ब्राह्मण: 22 हजार
कुमावत: 13 हजार
मुस्लिम: 13 हजार
राजपूत: 10 हजार
गुर्जर व एसटी: 12 हजार
यादव: 10 हजार
जांगीड़: 5 हजार
अन्य: 31902
कुल मत: 264902

दांतारामगढ़: जेजेपी ने फंसाया पेच, जाट मतों पर टिकी निगाहें
दांतारामगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी व विधायक वीरेंद्र सिंह के सामने भाजपा से गजानंद कुमावत का नया और माकपा के दिग्गज नेता अमराराम की चुनौती है। वहीं, जेजेपी से चुनावी मैदान में उतरी डा. रीटा सिंह भी अपने ही पति वीरेंद्र सिंह के समीकरण प्रभावित करती दिख रही है। ऐसे में भाजपा से नए चेहरे तथा कांग्रेस के कुछ मतों का जेजेपी की तरफ रुख होने की संभावना के बीच अमराराम की स्थिति भी मजबूत हुई है। पर मुख्य मुकाबला अब भी कांग्रेस, भाजपा व माकपा के त्रिकोण में ही उलझा है। जहां जाट मतों के धु्रवीकरण की स्थिति पर चुनाव परिणाम ज्यादा टिका है।

जातिगत आंकड़ा
जाट: 85 हजार
एससी: 45 हजार
कुमावत: 39 हजार
ब्राह्मण: 28 हजार
राजपूत: 24 हजार
मुस्लिम: 13 हजार
गुर्जर व एसटी: 20 हजार
यादव: 10 हजार
माली: 10 हजार
अन्य:14003
कुल मत: 288003

लक्ष्मणगढ़: हॉट सीट पर कड़ी टक्कर, जाट, एससी व मुस्लिम निर्णायक
कांग्रेस से पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा व भाजपा से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया के बीच मुकाबले ने लक्ष्मणगढ़ को जिले की सबसे हॉट सीट बना रखा है। कुल 10 प्रत्याशियों वाली इस सीट पर सीधी टक्कर इन दोनों के बीच ही तय मानी जा रही है। जिसमें तीन बार के विधायक डोटासरा सरकारी उपलब्धियों, परंपरागत मतों, क्षेत्र के विकास तो महरिया प्रदेश में भ्रष्टाचार व महिला अपराध जैसे मुद्दों, सभी वर्गो में पकड़ और चुनाव प्रबंधन से मुकाबले को कड़ा व रोचक बनाए हुए है। जाट मतों के धु्रवीकरण के बीच यहां एससी-एसटी व मुस्लिम वोट ज्यादा निर्णायक भूमिका में हैं।

जातिगत आंकड़ा
जाट: 85 हजार
एससी/एसटी: 47 हजार
मुस्लिम: 37 हजार
ब्राह्मण: 33 हजार
राजपूत: 27 हजार
माली: 5 हजार
महाजन: 3 हजार
अन्य: 38648
कुल मत: 275648

नीमकाथाना: बाजौर-मोदी की टक्कर, गुर्जर, जाट व माली होंगे निर्णायक
11 प्रत्याशियों के बीच यहां मुख्य मुकाबला परंपरागत प्रतिद्वंद्वी विधायक व कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश मोदी व भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजौर के बीच ही है। यहां सुरेश मोदी के पास नीमकाथाना को जिला बनाने सरीखी उपलब्धि के साथ एंटी इन्कम्बेंसी और पायलट के मुद्दे पर गुर्जर मतों को साधे रखने की चुनौती है। वहीं, बाजौर अपनी पुरानी उपलब्धियों व सरकार विरोधी मुद्दों को लेकर मैदान में डटे हैं। इस बीच जातिगत समीकरण ही दोनों की हार-जीत तय करने में अहम होंगे। यहां गुर्जर, जाति व जाट मत निर्णायक भूमिका होंगे।

जातिगत आंकड़ा
जाट:- 33000
माली- 30000
यादव- 29000
गुर्जर: 27500
राजपूत- 24500
ब्राह्मण- 14000
ओबीसी-11500
महाजन-6500 6500
मुस्लिम -7500
मीणा- 12100
अन्य: 73886
कुल: 268986

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