पुलिस अधीक्षक (एसीबी) अजयपाल लाम्बा के अनुसार जैसलमेर में नाचना स्थित उपनिवेशन कार्यालय के तत्कालीन उपायुक्त व आरएएस अधिकारी अरूण प्रकाश शर्मा, तत्कालीन निजी सहायक (पीए) सुआलाल विजय, तत्कालीन तहसीलदार सरदारमल भोजक, रेंवताराम, नायक तहसीलदार जगदीश दिनोदिया और लाभार्थियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है। वर्तमान में आरएएस अधिकारी अरूण शर्मा जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार, रेंवताराम मोहनगढ़ स्थित उपनिवेशन कार्यालय में तहसीलदार और पीए सुआलाल बीकानेर स्थित उपनिवेशन आयुक्त कार्यालय में पदस्थापित है। जबकि सरदारमल व जगदीश दिनोदिया सेवानिवृत्त हो चुके हैं। पुलिस निरीक्षक अनिल शर्मा को मामले की जांच दी गई है।
ताक पर नियम, करोड़ों रुपए लेकर हजारों बीघा जमीन बांटी
एसीबी के एसपी ने बताया कि नाचना में उपनिवेशन के उपायुक्त कार्यालय की ओर से फरवरी २०१४ से अक्टूबर २०१६ के बीच पाक सीमा से सटी हजारों बीघा जमीन को नियम कायदे ताक पर रखकर आवंटित कर दी गई। जिसमें करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ। यह जमीनें एेसे लोगों को आवंटित की गई जो हकदार नहीं थे तथा नहीं स्थानीय व्यक्ति थे। इस घोटाले के संबंध में शिकायत मिलने पर पीई दर्ज कर जांच की गई तो आरोपों की पुष्टि हुई। तब जयपुर स्थित ब्यूरों के मुख्यालय से आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
ब्यूरो की छापेमारी शुरू होते ही आरएएस अधिकारी फरार
एफआईआर दर्ज होने के साथ ही ब्यूरो को आरोपियों के पास करोड़ों रुपए की काली कमाई से अर्जित सम्पति होने की जानकारी मिली। इस आधार पर ब्यूरो की अलग-अलग टीमों ने शनिवार को आरएएस अधिकारी अरूण प्रकाश शर्मा के जयपुर व लक्ष्मणगढ़ आवास पर छापे मारे। शर्मा के कोटा में होने से दोनों मकान बंद थे। सम्पर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वो फरार हो गए। ब्यूरो का दावा है कि शर्मा से सम्पर्क की कोशिश की गई,लेकिन वो फरार हो गया।
पीए के पास करोड़ों रुपए की प्रोपर्टी
ब्यूरो की एक अन्य टीम ने तत्कालीन पीए व वर्तमान में बीकानेर स्थित उपनिवेशन के आयुक्त कार्यालय में पदस्थापित सुआलाल विजय के जयपुर स्थित आवास और बीकानेर स्थित कार्यालय में छापे मारे। उसके पास करोड़ों रुपए की सोलह सम्पतियों के दस्तावेज मिले है। इसके अलावा और सम्पतियों के बारे में जांच चल रही है। ब्यूरो ने मोहनगढ़ संख्या-एक स्थित उपनिवेशन कार्यालय में तहसीलदार रेंवताराम के ठिकानों पर भी छापे मारे। मोहनगढ़ में कार्यालय व पोकरण स्थित मकान पर तलाशी में ब्यूरो को कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है।
यह है जमीन आवंटन के नियम
ब्यूरो का कहना है कि उपनिवेशन कार्यालय सीमावर्ती क्षेत्रों की सरकारी जमीन पर रखकर बाहरी लोगों को हजारों बीघा जमीन आवंटित कर दी। जमीन को मुरब्बों के रूप में आवंटित किया गया। यह जमीनें सैन्यकर्मियों के अलावा उन स्थानीय व्यक्तियों व उसी गांव के ग्रामीणों को दी जाती है। जिनके पास खेती लिए जमीन नहीं है, लेकिन फरवरी २०१४ से अक्टूबर 2016 के बीच आरोपियों ने बड़ी राशि का लेन-देन कर नियम कायदे ताक पर रख दिए।
मकान को किया सीज, तीन प्लांट के दस्तावेज मिले, छह भूखण्ड है आरएएस के नाम
लक्ष्मणगढ़. कस्बे मे मावलियों की रोड़ स्थित रिद्धि-सिद्धि कॉलोनी मे आरएएस अधिकारी अरुण प्रकाश शर्मा के मकान को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की सीकर टीम ने शनिवार को सीज कर दिया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उपाधीक्षक कमल प्रसाद तथा सीआई महेन्द्र के नेतृत्व मे टीम ने मकान को सीज कर नोटिस चस्पा कर दिया। जिसमे उल्लेख किया गया है कि जांच के अंतर्गत इस मकान की तलाशी ली जानी है। अत: इसे बिना इजाजत के खोला नही जाए।
टीम के पहुंचनें पर मिला मकान पर ताला
एसीबी के उपाधीक्षक कमल प्रसाद ने बताया कि आरएएस अरूण शर्मा कस्बे के वार्ड २१ के मूल निवासी है। टीम ने शनिवार को गोशाला के पास रिद्धी-सिद्धी कॉलोनी पहुंची तो आरएएस शर्मा के मकान पर ताला मिला। जांच नहीं होने के कारण मकान को सीज कर दिया है। इसके अलावा पोस्टऑफिस के पास वार्ड २१ में अरूण शर्मा का पैतृक मकान है। जहां उनके भाई रहते है। मकान की जांच में आरएएस अधिकारी के नाम तीन भूखण्डों के कागजात मिले है। इसके अलावा कॉलोनी में भी अरूण शर्मा के छह भूखण्ड है। टीम ने परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की है।