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राजस्थान के किसान जगदीश पारीक को मिलेगा ‘पद्मश्री’, खेती में कर दिखाया कमाल, साधारण किसान से यूं बन गए कृषि वैज्ञानिक

राजस्थान के सीकर जिले के अजीतगढ़ निवासी कृषि वैज्ञानिक जगदीश पारीक को सोमवार को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।

सीकरMar 10, 2019 / 06:06 pm

Vinod Chauhan

राजस्थान के सीकर जिले के अजीतगढ़ निवासी कृषि वैज्ञानिक जगदीश पारीक को सोमवार को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।

राजस्थान के किसान जगदीश पारीक को मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार, खेती में कर दिखाया कमाल, साधारण किसान से यूं बन गए कृषि वैज्ञानिक

सीकर।
राजस्थान के सीकर जिले के अजीतगढ़ निवासी कृषि वैज्ञानिक जगदीश पारीक को सोमवार को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। इसके लिए जगदीश पारीक रविवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। पद्मीश्री मिलने की सूचना मिलते ही गांव में खुशी की लहर छा गई। बता दें कि किसान जगदीश पारीक ने सबसे वजनी गोभी का फूल उगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इनका नाम लिम्का बुक में दर्ज हुआ है। आज के दौर में सभी जगह कीटनाशकों का बोलबाला है तथा खान पान की चीजें भी इससे अछूती नहीं रह पाई है। बाजार में बिना कीटनाशकों का प्रयोग किए कोई खाद्य सामग्री सुगमता से उपलब्ध नहीं है और अगर कहीं उपलब्ध भी है तो उसकी कीमत इतनी अधिक है कि वह आमजन की पहुँच से कोसो दूर है। हम बात कर रहे है श्रीमाधोपुर उपखंड के अजीतगढ़ निवासी जगदीश प्रसाद पारीक की। कहने को तो जगदीश पारीक एक किसान है परन्तु इन्होंने खेती में नए-नए प्रयोग करके किसान वैज्ञानिक का दर्जा प्राप्त कर लिया है। नियमित नवाचार तथा कीटनाशक मुक्त खेती की वजह से इन्होंने अपना तथा अपने क्षेत्र का नाम देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी रोशन किया है।

राजस्थान के सीकर जिले के अजीतगढ़ निवासी कृषि वैज्ञानिक जगदीश पारीक को सोमवार को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।

1970 से शुरू की आर्गेनिक खेती
लगभग 70 बसंत पार कर चुके जगदीश पारीक निरंतर सब्जियों की नई किस्म विकसित करने में लगे रहते हैं। जैविक खेती के जरिए अच्छी गुणवत्ता, कीटरोधी तथा सामान्य से काफी बड़े आकार की सब्जियाँ पैदा करके इन्होंने आधुनिक समय में व्याप्त उस मिथ्या भ्रान्ति को तोड़ा है जिसमे यह माना जाता है कि आज के समय में बिना कीटनाशकों के प्रयोग के अधिक तथा गुणवत्तापूर्ण सब्जियाँ नहीं उगाई जा सकती हैं। पारीक ने आर्गेनिक खेती की शुरुआत वर्ष 1970 से करना शुरू की जब पिता के देहांत के कारण इन्हें अपनी पढाई छोडनी पड़ी। इन्होंने सर्वप्रथम गोभी की पैदावार से शुरुआत की। शुरू-शुरू में इनकी पैदा की गोभी का वजन लगभग आधा किलो से पौन किलो तक होता था। रासायनिक खाद या कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया बल्कि सिर्फ गोबर से बनी हुई जैविक खाद का प्रयोग किया। इस जैविक खाद को भी पूर्णतया प्राकृतिक तरीके से केंचुओं द्वारा इन्होंने स्वयं ही तैयार किया है।

राजस्थान के सीकर जिले के अजीतगढ़ निवासी कृषि वैज्ञानिक जगदीश पारीक को सोमवार को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।
खेती में बनाया रिकॉर्ड

पारीक के खेत में 15 किलो वजनी गोभी का फूल, 12 किलो वजनी पत्ता गोभी, 86 किलो वजनी कद्दू, 6 फुट लंबी घीया, 7 फुट लंबी तोरई, 1 मीटर लंबा तथा 2 इंच मोटा बैंगन, 3 किलो से 5 किलो तक गोल बैंगन, 250 ग्राम का प्याज, साढ़े तीन फीट लंबी गाजर और एक पेड़ से 150 मिर्ची तक का उत्पादन हो चुका है। सबसे अधिक किस्में फूलगोभी में है तथा इन्होंने अभी तक 8 किलो से लेकर 25 किलो 150 ग्राम तक की फूलगोभी का उत्पादन कर लिया है।

पहले भी हो चुके है सम्मानित
पारीक ने स्वयं द्वारा निर्मित अजीतगढ सलेक्सन बीज से पैदा गोभी पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणव मुखर्जी तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित पूर्व राज्यपाल मागर्रेट अल्वा आदि को भेंट की है। अपने निरंतर प्रयोग तथा कार्यों के प्रोत्साहन स्वरुप इन्हें वर्ष 2000 में श्रृष्टि सम्मान तथा वर्ष 2001 में फस्र्ट नेशनल ग्रास रूट इनोवेशन अवार्ड मिल चुका है। वर्ष 2001 में ही 15 किलो की गोभी उत्पादन के लिए इनका नाम लिम्का बुक में दर्ज हो चुका है। पारीक अब तक छह बार राष्ट्रपति भवन के कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं तथा सबसे वजनी गोभी के फूल के विश्व रिकॉर्ड में दूसरे पायदान पर हैं। जगदीश प्रसाद विश्व रिकॉर्ड को तोडऩे के लिए जैविक खेती से 25 किलो 150 ग्राम वजनी गोभी का एक फूल उत्पादित कर चुके हैं परन्तु इनकी गोभी का फूल साढ़े आठ सौ ग्राम वजन से पिछड़ा हुआ है। वर्तमान में गोभी के फूल का विश्व रिकॉर्ड 26 किलो वजन के साथ अमेरिका के नाम है। पारीक का सम्पूर्ण ध्यान 26 किलो से अधिक वजनी गोभी का फूल उत्पादित कर विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करने की ठान रखी है। पारीक ने बताया कि उसने 12-13 बीधा में गोभी लगा रखी है व 7 बीधा में घीया उगाई थी पाळे से घया की ख्ेाती में 70 प्रतिशत खराबा हो गया। पारीक ने किसान को मेहनत के बल पर आगे बढने, कर्ज माफी व मुफ्त का माल बटोरने से अच्छा अपनी खेती पर ध्यान देने की बात कही।
राजस्थान के सीकर जिले के अजीतगढ़ निवासी कृषि वैज्ञानिक जगदीश पारीक को सोमवार को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।

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