शहीद का दर्जा मिलने पर लिया शव
इससे पहले जवान को शहीद का दर्जा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने सुबह जवान का पार्थिव देह लेने से इन्कार कर दिया था। ग्रामीण नेशनल हाईवे रोककर धरना देकर बैठ गए थे। करीब छह घंटे प्रदर्शन व जाम के बाद सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी से बात की। जहां से जवान रतनलाल को शहीद का दर्जा दिलाने व एक करोड़ के मुआवजे की घोषणा के बाद ग्रामीणों ने शहीद का शव लिया।
हिंसा में हुए थे शहीद
दिल्ली के गोकुलपुरी में सोमवार को सीएए के मुद्दे पर पक्ष विपक्ष में आए लोगों के बीच हिंसा हो गई थी। जिसमें पुलिस हेडकांस्टेबल रतन लाल बीच बचाव के लिए गए थे। इसी दौरान वह हिंसा का शिकार हो गए। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां जवान ने दम तोड़ दिया था। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव दिल्ली में परिजनों को दिया गया। जहां से आज सुबह शव गांव तिहावली पहुंचा तो ग्रामीणों ने रास्ते में ही उसे रोक जवान को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग के साथ धरना शुरू कर दिया।