अभद्रता का आरोप
नगर परिषद में यह घटनाक्रम बुधवार शाम शुरू हुआ। वार्ड 58 के निर्दलीय पार्षद मनीष और कांग्रेस के ही खादी प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष सीताराम दानोदिया शाम करीब चार बजे नगर परिषद गए थे। सीताराम दानोदिया ने बताया कि झुंझुनूं और चूरू लाइन के बीच बसे इस वार्ड 58 में लंबे समय से गंदगी के ढेर लगे हैं। इससे क्षेत्र के चार जने डेंगू बुखार से भी पीडि़त हो गए। उनका आरोप है कि वार्ड में सफाई कराने की मांग करने पर सभापति ने उन्हें जातिसूचक गालियां निकाली और बाहर निकाल दिया।
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परिषद में की नारेबाजी
वार्ड 58 के लोग एकत्र होकर दिन में करीब 12 बजे नगर परिषद पहुंचे। उस दौरान सभापति जीवण खां अपने कक्ष में मौजूद नहीं थे। वहां पर लोगों ने सभापति के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान लोग कार्यवाहक आयुक्त रेखा मीणा से भी मौहल्ले के लोग उलझ गए। इसके बाद लोगों ने साथ लाया पर्चा सभापति की कुर्सी पर चिपका दिया। फिर थाने में मामला दर्ज कराया।
आयुक्त ने यह दर्ज करवाया मामला
नगर परिषद की कार्यवाहक आयुक्त रेखा मीणा की ओर से दर्ज मामले में सीताराम दानोदिया, काशम अली खिलजी व राजेश जोया को नामजद किया गया है। मामले में बताया गया है कि इनके नेतृत्व में 30-40 लोग नगर परिषद कार्यालय पहुंचे और सभापति कक्ष में नारेबाजी व अभद्रता की। जाते समय कक्ष में रखा टीवी व पर्दे का रिमोट उठाकर ले गए। इसके अलावा वहां रखी पत्रावलियों को खुर्दबुर्द कर राजकार्य में बाधा पहुंचाई।
नहीं निकाली गाली
&शहर की सफाई, रोशनी व अन्य समस्याओं के समाधान के लिए जोन वार पार्षदों की बैठक चल रही है। बैठक के बाद बुधवार को सीताराम दानोदिया और पार्षद मनीष कुमार ने वार्ड में गंदगी की समस्या का समाधान कराने की बात कहीं थी। इस पर मैने अधिकारियों से मिलकर समस्या बताने और जल्द समाधान करवाने का अश्वासन दिया था। मैंने किसी को गाली नहीं निकाली। गुरुवार के घटनाक्रम के दौरान मैं उपस्थित नहीं था। -जीवण खां, सभापति नगर परिषद, सीकर
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प्रदर्शन के तत्काल बाद एफआइआर क्यों?
सभापति के कक्ष में सफाई की मांग के दूसरे दिन तत्काल प्रदर्शन और पुलिस में एफआईआर शहर में चर्चा का विषय है। राजनीतिक हलकों में इसे लेकर कई मायने भी निकाले जा रहे हैं। इस बीच पत्रिका ने स्थिति का जायजा लिया तो रेलवे लाइनों के बीच बसे इस वार्ड में लंबे समय से गंदगी के ढेर लगे हैं। क्षेत्र की दो युवतियां व एक युवक डेंगू बुखार से भी पीडि़त है। वार्ड के निर्दलीय पार्षद मनीष कांग्रेस समर्थित है। मनीष ने पहले कांग्रेस से टिकट मांगी थी। जीतने के बाद सभापति के लिए हाइब्रिड तरीके से मैदान में खड़े होने वाले प्रत्याशी के प्रस्ताव की भूमिका निभाई। इसके बाद चुनाव में जीवण खां के खेमे में खड़ा दिखाई दिए। ऐसे में इस मामले में सफाई के साथ राजनीति मुद्दे की गहराई से भी इनकार नहीं किया जा रहा है।