कोडी सेफ मशरूम हिमाचल में उगने वाली एक बेहद दुर्लभ प्रजाति की मशरूम की है। इस मशरूम की तिब्बत, चाइना, मलेशिया, कोरिया जैसे विदेशों में भारी मांंग है। कैंसर, एचआइवी, हिपेटाइटस, मधुमेह के इलाज में कारगर यह मशरूम हिमाचल में बर्फ पिघलने के बाद एक कीडे के मरने के बाद उसके सिर में पैदा होने वाली फफूंद होती है। कीड़े के आकार के आधार पर इसे स्थानीय भाषा में कीडाजड़ी के नाम से जाना जाता है। सोलन में इसका प्रशिक्षण लेने के बाद वे वहां से एक परखनली में कल्चर लेकर आए। सीकर में इसका उत्पादन लेने की ठानी और ऑटोक्लेव पद्धति से ब्राउन राइस का बेस तैयार किया।
अब देते हैं प्रशिक्षण
मशरूम उत्पादन में समृद्धि की राह पर चलने वाले मोटाराम शर्मा की गिनती देश के प्रगतिशील मशरूम उत्पादकों में होती है। हिमाचल के सोलन में राष्ट्रीय खुंब निदेशालय से प्रशिक्षण लेने के बाद मशरूम उत्पादन को बढ़ाने के लिए मोटाराम शर्मा अब युवाओं को प्रशिक्षण देते हैं।
यह सच है कि मशरूम उत्पादन के जरिए किसान खुद की आमदनी बढ़ा सकता है। मोटाराम की ओर नई किस्म तैयार की गई जिससे निस्संदेह किसानों को फायदा होगा। -एसआर कटारिया, उपनिदेशक, कृषि सीकर