लॉक डाउन को लेकर क्षेत्र की सभी इकाइयां, क्रेशर, खान पूरी तरह से बंद है। कारोबार बंद होने से सब कुछ प्रभावित हो रहा है। जान है तो जहान है। पीएम व सीएम ने समय पर उचित फैसला लेकर लोगों को इस महामारी से बचाया है। सरकार कुछ राहत देकर उद्योगों का संचालन करवाये। नहीं तो कब तक घर बैठे व्यवसायी फैक्ट्रियों व श्रमिकों का खर्च वहन कर पाएंगे।
दौलतराम गोयल,संरक्षक सीकर जिला मंडल मिनरल्स एसोसिएशन
लॉक डाउन में कारोबार बंद होने से उद्योगों पर दोहरी मार पड़ी है। मार्केट में जो पैसा लगा हुआ है वो अभी आना नहीं है। सरकार ने वेतन को लेकर जो आदेश जारी किया है उसको रिवाइज कर लिविंग अलाउंस नाम से आदेश जारी करें। ताकि उद्यमियों पर भी भार नहीं पड़े तथा कर्मचारियों का आसानी से गुजारा चल सके। कुछ रियायत देकर आदेश को रिवाइज करें, ताकी उद्यमियों को कुछ राहत मिल सके।
त्रिलोक दीवान, वीनस फुटआर्टस लिमिटेड, नीमकाथाना
ये आम आदमी के लिये बहुत कठिनाई का समय है, सरकार पहले जरुरतमंद लोगों की व्यवस्था करें। उद्योग सफल होगा तो देश सफल होगा। मध्यम श्रेणी का व्यवसायी सरकार की नीतियों के अनुसार चलने में सक्षम नहीं हो सकता। इस आपदा से पहले ही व्यवसाय मंदी के दौर में चल रहे थे। सरकार कर्मचारियों को देने वाले वेतन का प्रतिशत फिक्स करें। जब से लॉक डाउन हुआ है तब से नगरवासियों की सेवा में पूरे दलबल के साथ जुटे हुए हैं। शहर में प्रतिदिन 2 हजार से ज्यादा खाने के पैकेट वितरण किए जा रहे हैं। सरकार को उद्यमियों के लिये कुछ राहत का पैकेज देना चाहिए।
महेश मंगोतिया, उद्यमी