राजस्थान के इस संभाग में फैल रही है वायरल डीजिज अस्पतालों में रोजाना आ रहे 4 दर्जन से ज्यादा मरीज
संभाग में इन दिनों वायरल डीजिज कनफेड (कान गले के पास सूजन) ने चिकित्सकों की नींद उड़ा दी है। ईएनटी विशेषज्ञों का कहना है कि अकेले कल्याण अस्पताल की ओपीडी में रोजाना पांच से छह नए मरीज आ रहे हैं। निजी अस्पतालों का आंकड़ा जोड़ें तो यह संख्या रोजाना करीब चार दर्जन से ज्यादा है।
सीकर•Feb 10, 2024 / 11:42 am•
Puran
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राजस्थान के इस संभाग में फैल रही है वायरल डीजिज अस्पतालों में रोजाना आ रहे 4 दर्जन से ज्यादा मरीज
संभाग में इन दिनों वायरल डीजिज कनफेड (कान गले के पास सूजन) ने चिकित्सकों की नींद उड़ा दी है। ईएनटी विशेषज्ञों का कहना है कि अकेले कल्याण अस्पताल की ओपीडी में रोजाना पांच से छह नए मरीज आ रहे हैं। निजी अस्पतालों का आंकड़ा जोड़ें तो यह संख्या रोजाना करीब चार दर्जन से ज्यादा है। शुरुआत में ये फ्लू जैसी समस्या लगती है। कुछ ही दिन बाद लार ग्रिन्थयों में सूजन के कारण निगलने में परेशानी होने लगती है। अच्छी बात है कि साधारणतया यह रोग आठ से दस दिन में ठीक हो जाता है लेकिन कई बार लापरवाही के कारण कान के सुनने और प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ सकता है।
संक्रामक है इसलिए बढ़ा रोग
चिकित्सकों के अनुसार कनफेड एक संक्रामक रोग है, जो आमतौर पर कान के पास लार ग्रंथियों में सूजन और कोमलता के साथ-साथ बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और भूख न लगना जैसे लक्षणों के साथ होता है। यह श्वसन या संक्रमित लार के सीधे संपर्क से फैलता है। समय पर इलाज नहीं करवाने पर मरीज में मेनिनजाइटिस, एन्सेफलाइटिस, ऑर्काइटिस और बहरापन जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।
बच्चे ज्यादा बीमार
बड़ों की तुलना में बच्चों को कान का संक्रमण ज्यादा होता है। संक्रमितों के खांसने या छींकने से वायरस वाली छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं। इनके संपर्क में आने से ये संक्रामक रोग दूसरों में भी फैल सकता है। संक्रमितों के सीधे संपर्क जैसे पानी की बोतल साझा करना या उनके बिस्तर पर सोने से भी ये संक्रमण दूसरों को हो सकता है। इसके अलावा कनफेड इम्युनिटी पावर कमजोर या डायबिटीज से ग्रसित युवाओं व बच्चों में होना आम बात है।
ये करें बचाव के उपाय
इस संक्रमण के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है। अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पिएं, गुनगुने नमक वाले पानी से गरारे करें, मुलायम, आसानी से चबाने वाला खाना खाएं। संक्रमण के लक्षण दिखने पर जांच करवाएं, बुखार कम करने और दर्द से राहत पाने के लिए चिकित्सक की सलाह पर ही दवा लें।
घबराए नहीं
कनफेड एक वायरल डीजिज है। अधिकतर ये बीमारी बच्चों में होती है। मरीज के कान के आस-पास और लार ग्रिन्थ में सूजन के साथ मरीज को बुखार हो जाता है। एंटीबॉयोटिक एनालजेसिक दवा लेने से मरीज ठीक हो जाता है। समय पर इलाज नहीं लेने से इसका असर सुनने की नस और प्रजनन क्षमता पर पड़ सकता है। डॉ. कैलाश पचार, वरिष्ठ ईएनटी विशेषज्ञ
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