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बड़ा खुलासा : … तो झुंझुनूं, सीकर व चूरू को नहीं मिलेगा यमुना का पानी, अब आई यह दिक्कत

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सीकरSep 10, 2018 / 03:46 pm

vishwanath saini

Yamuna's water will not be available to Jhunjhunu, Sikar and Churu

Yamuna’s water will not be available to Jhunjhunu, Sikar and Churu

झुंझुनूं. यमुना के पानी का इंतजार कर रहे राजस्थान के सीकर, चूरू और झुंझुनूं की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। रविवार को झुंझुनूं में पत्रकार वार्ता में यमुना जल संघर्ष समिति के संयोजक यशवर्धन सिंह ने बताया कि यमुना जल को लेकर राजस्थान सरकार की ओर से जिलेवासियों के साथ घोषणाओं का छलावा किया जा रहा है।

हकीकत यह है कि राजस्थान के अलावा जिन प्रदेशों से नदी गुजरती है, समझौते के अनुसार उन्हें यमुना का जल मिलने लगा है। जबकि झुंझुनूं व चूरू को लेकर भूमिगत पाइप लाइन से ताजेवाला हैड से राजस्थान सीमा तक पानी लाने के एमओयू पर हरियाणा सरकार ने हस्तारक्षर करने से इंकार कर दिया है।

yashvardhan singh jhunjhunu

इस मामले को लेकर 1994 व 2001 में हरियाणा के मुख्यमंत्री व प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के बीच हुई बैठक में हरियाणा के अधिकारियों ने दो टूक शब्दों में राजस्थान को नहर का पानी देने से साफ इंकार कर दिया है। उन्होंने यमुना जल मामले को लेकर सांसद संतोष अहलावत पर निशाना साधते हुए खुली वार्ता की चुनौती दी है। इसके लिए सांसद को स्थान व तिथि का चयन करने की बात कही है।

उन्होंने बताया कि झुंझुनूं व चूरू जिले में पानी हरियाणा की नहर से ही आ सकता है। इस पर राजस्थान सरकार ने हरियाणा से लोहारू तक बनी नहरों के निर्माण व रखरखाव की जिम्मेदारी लेने का प्रारूप हरियाणा सरकार को वर्ष 2003 में भिजवाया, लेकिन हरियाणा से समझौते पर हस्तारक्षर करने से इंकार कर दिया।

समझौते को लेकर बैठक

यमुना जल संघर्ष समिति के संयोजक यशवर्धन सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट की सख्ती के कारण केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने फरवरी 2018 को यमुना जल समझौते के मुद्दे पर बैठक बुलाई। जिसमें एम्पावर्ड कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर हरियाणा की आपत्ति खारिज कर दी गई है कि राजस्थान को देने के लिए ताजेवाला हेड पर पर्याप्त पानी नहीं है। जिसे सरकार बड़ी जीत के रूप में प्रचारित कर रही है।

बैठक में लखवार बांध के समझौते पर राजस्थान के हस्ताक्षर नहीं किए जाने के पक्ष में राजस्थान के साथ ही हरियाणा के ताजेवाला हैड से पाइप लाइन से पानी लाने के लिए 20 हजार करोड़ की राशि को केन्द्रीय बजट से देने की मांग को खारिज कर दिया गया।


संघर्ष समिति गठित
यशवर्धन सिंह ने बताया कि मामले को लेकर जिले में आंदोलन चलाया जाएगा, जिसकी शुरूआत हरियाणा सीमा से होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए संघर्ष समिति का गठन किया गया है। आंदोलन के तहत बड़ी सभा झुंझुनूं में होगी।

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