जानकारी के अनुसार कोनी गांव निवासी आशीष जायसवाल सरई स्कूल में दसवीं का छात्र था। सोमवार को वह मध्यान्ह अवकाश के दौरान अपने सहपाठी के साथ पबजी गेम खेलने के लिए पास के ही अरहर के खेत पर चला गया था। आशीष 50 रुपए हार गया, तो घर पर डांट खाने की चिंता सताने लगी। उसने सहपाठी से 50 रुपए वापस मांगे इसी बात पर विवाद हो गया और सहपाठी ने उसके सिर पर पत्थर से हमला कर दिया। जिससे वह वहीं ढेर हो गया। खून बहता देख अपचारी सहपाठी घबरा गया और उसे उठाकर पास के ही तालाब में फेंककर भाग निकला। इधर, आशीष की गुमशुदगी दर्ज होने के चलते तलाश होती रही।
शव मिला तब खुला राज
एसडीओपी देवसर प्रियंका पाण्डेय ने बताया कि सोमवार को अशीष के घर नहीं पहुंचने पर तलाश की थी। उसके पिता केशव प्रसाद जायसवाल ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। तलाशी में उसके चप्पल अरहर के खेत में मिले थे और शव बुधवार को तालाब से बरामद हुआ। वह आखिरी बार जिस सहपाठी के साथ देखा गया था तो उसे थाने लाकर पूछतांछ की गई। उसने सारा राज खोल दिया।
परिवार बदहवास
आशीष परिवार का इकलौता पुत्र था। करीबियों की माने तो काफी मन्नतों के बाद उसका जन्म हुआ था। तब वजन महज 900 ग्राम होने के चलते बड़ी कठिनाई से पाला था। इसलिए परिवार उसे लेकर बहुत ही संवेदनशील था। उसके इस तरह चले जाने से पूरा परिवार बदहवास है।
दूसरे दिन पुलिस ने दर्ज किया गुमशुदगी
परिजनों ने बताया है कि छात्र के घर नहीं पहुंचने पर परेशान होकर सोमवार को सरई पुलिस को सूचना दिया गया था लेकिन पुलिस ने इस दौरान गंभीरता नहीं दिखाई। जबकि पुलिस को सूचना के तत्काल बाद गुमशुदगी दर्ज कर लापता छात्र की तलाश की जानी चाहिए थी। बल्कि घटना के दूसरे दिन पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज किया और तलाश शुरू की। छानबीन के दौरान छात्र का पहले अरहर के खेत में चप्पल मिला। इसके बाद वहीं स्थित तालाब में शव बरामद हुआ। सरई पुलिस ऐसे कई मामलों में लापरवाही करती है।