अब आचार संहिता बाधा
इन सब प्रयासों के नतीजे में पिछले माह तक जिले की पांचों तहसीलों में 70 हजार श्रमिकों का सरल योजना में लाभ देने के लिए आनलाइन आवेदन कराया जा सका। मगर लगभग ३५ हजार श्रमिक पंजीयन से छूट गए। इसी बीच पिछले सप्ताह चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव आचार संहिता के कारण यह प्रक्रिया रोक दी गई। अब इस योजना में छूट गए श्रमिकों को विधानसभा चुनाव के बाद प्रक्रिया दुबारा शुरू होने तक इंतजार करना होगा।
इन सब प्रयासों के नतीजे में पिछले माह तक जिले की पांचों तहसीलों में 70 हजार श्रमिकों का सरल योजना में लाभ देने के लिए आनलाइन आवेदन कराया जा सका। मगर लगभग ३५ हजार श्रमिक पंजीयन से छूट गए। इसी बीच पिछले सप्ताह चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव आचार संहिता के कारण यह प्रक्रिया रोक दी गई। अब इस योजना में छूट गए श्रमिकों को विधानसभा चुनाव के बाद प्रक्रिया दुबारा शुरू होने तक इंतजार करना होगा।
अभियान का नहीं दिखा असर
शासन की ओर से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ देेन के लिए इसी वर्ष जून माह में सरल योजना लागू की गई। इसमें असंगठित क्षेत्र के श्रमिक परिवारों को दो सौ रुपए मासिक बिजली का बिल देकर इन परिवारों को लाभान्वित करना तय किया गया। योजना लागू होने के बाद जिले में बिजली कंपनी की टीम तथा प्रशासनिक अमले ने मिलकर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीयन कर उनका योजन में लाभ देने के लिए आनलाइन आवेदन कराने के लिए शहर व गांवों में विशेष अभियान चलाया। बिजली कंपनी की ओर से गांवों मेंं जाकर शिविर लगाए गए और वहां असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीयन कर उनके आनलाइन आवेदन के लिए भाग दौड़ की गई। इस काम में ग्राम पंचायतों में सरपंचों व ग्राम सचिवों की भी मदद ली गई।
शासन की ओर से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ देेन के लिए इसी वर्ष जून माह में सरल योजना लागू की गई। इसमें असंगठित क्षेत्र के श्रमिक परिवारों को दो सौ रुपए मासिक बिजली का बिल देकर इन परिवारों को लाभान्वित करना तय किया गया। योजना लागू होने के बाद जिले में बिजली कंपनी की टीम तथा प्रशासनिक अमले ने मिलकर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीयन कर उनका योजन में लाभ देने के लिए आनलाइन आवेदन कराने के लिए शहर व गांवों में विशेष अभियान चलाया। बिजली कंपनी की ओर से गांवों मेंं जाकर शिविर लगाए गए और वहां असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीयन कर उनके आनलाइन आवेदन के लिए भाग दौड़ की गई। इस काम में ग्राम पंचायतों में सरपंचों व ग्राम सचिवों की भी मदद ली गई।