कलेक्टर ने यह निर्देश दिया है कि 25 केन्द्रों का सीडीपीओ, 25 केन्द्रों का सुपरवाइजर व 15 केन्द्रों का डीपीओ निरीक्षण कर प्रत्येक विकासखण्डों में आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करते हुए कम वजन के बच्चों का सही रिपोर्ट दें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि टेक होम राशन प्रत्येक केन्द्रों में समय पर पहुंचे व वितरण भी सही ढंग से हो। भ्रमण के दौरान सुपरवाइजर अनिवार्य रूप से अपने जोनों में उपस्थित रहें।
प्रसूताओं को समय पर मिले लाभ
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने प्रसूति महिलाओं को समय पर योजनाओं का लाभ नहीं दिए जाने के संबंध में सीएमएचओ को कड़ी फटकार लगाया है। कहा कि प्रसूति महिलाओं को तीन दिवस के अंदर जननी सुरक्षा एवं प्रसूति सहायता का लाभ दिया जाना सुनिश्चित करें। इसे पोर्टल पर भी दर्ज किया जाए। वहीं गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर टीकाकरण व अन्य औषधियां प्रदान किया जाए। टीकाकरण का एक हेल्प सेंटर बनाएं। ताकि सुचारू रूप से टीकाकरण हो सके। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अन्य बिंदुओं पर चर्चा करते हुए समय पर पूरा करने निर्देश दिया है। अधूरा स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण को लेकर उपयंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी का निर्देश दिया है।
एनआरसी के चार्ट के अनुसार कम वजन के बच्चों को विधिवत आवश्यकता अनुसार औषधि व आहार वितरित करें। इसके लिए सभी सुपरवाइजर, सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं इस आशय का प्रशिक्षण प्राप्त करें। जो भी भवन निर्माण अधूरे हैं तीन माह के अंदर पूरा किया जाए। जिले में 14० माडल केन्द्र बनाए जाने थे जो अधूरा है। उसे शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण समय पर संतुष्टि पूर्वक किया जाए।