शहरी क्षेत्र में बढ़ रहे कचरा को देखते हुए सारी व्यवस्था नई कंपनी को दिए जाने का निर्णय लिया गया है। कंपनी का चयन शासन स्तर से हुई टेंडर प्रक्रिया के जरिए हुआ है। कंपनी को दिसंबर 2018 में ही कार्य शुरू कर देना था, लेकिन विविध कारणों से प्रक्रिया अधर में लटकता रहा है। निगम अधिकारियों के मुताबिक अब कंपनी काम शुरू करना चाह रही है। कंपनी से कहा गया है कि सारी तैयारी कर लें। एक अक्टूबर से कचरा उठाव से लेकर प्रबंधन तक की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी।
निगम अधिकारियों का कहना है कि अभी सीटाडेल उसी प्लांट से काम की शुरुआत करेगी, जहां अभी कचरा प्रबंधन का कार्य चल रहा है। वहां पर नया और बड़ा सेटअप लगाया जा रहा है। कचरा प्रबंधन के बाद शेष बचा अपशिष्ट रंपा में स्थित प्लांट में भेजा जाएगा। जरूरत पड़ी तो रंपा में और बड़ा प्लांट कंपनी की ओर से डाला जाएगा। गौरतलब है कि माड़ा और रजमिलान के बीच में स्थित रंपा गांव में कचरा प्रबंधन प्लांट के लिए २५ एकड़ जमीन चिह्नित की गई है।
प्लांट तैयार करने करीब 50 करोड़ रुपए की सब्सिडी
कचरा प्रबंधन के लिया नया प्लांट तैयार करने के बावत सीटाडेल को शासन से करीब 50 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। इसमें कचरा परिवहन सहित अन्य कार्यों के लिए वाहन सहित अन्य उपकरण भी खरीदे जाएंगे। बाकी प्लांट संचालित होने की स्थिति में निगम की ओर से सीटाडेल को प्रति टन 1700 रुपए का भुगतान किया जाएगा। इसमें कचरा उठाव व परिवहन के साथ प्रबंधन का कार्य भी शामिल किया गया है।
कचरा प्रबंधन के लिया नया प्लांट तैयार करने के बावत सीटाडेल को शासन से करीब 50 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। इसमें कचरा परिवहन सहित अन्य कार्यों के लिए वाहन सहित अन्य उपकरण भी खरीदे जाएंगे। बाकी प्लांट संचालित होने की स्थिति में निगम की ओर से सीटाडेल को प्रति टन 1700 रुपए का भुगतान किया जाएगा। इसमें कचरा उठाव व परिवहन के साथ प्रबंधन का कार्य भी शामिल किया गया है।
यह बदलाव देखने को मिलेगा
– जल्द ही बस्ती के बीच से हटेगा कचरा प्लांट
– कचरा उठाव का शुल्क देना हो जाएगा अनिवार्य
– नई व बड़ी मशीनों से होगा कचरा का प्रबंधन
– वार्डों में बढ़ाई जाएंगी कचरा उठाने की गाडिय़ां
– बिल्डिंग वेस्ट मैटेरियल प्रबंधन भी होगा शुरू
– जल्द ही बस्ती के बीच से हटेगा कचरा प्लांट
– कचरा उठाव का शुल्क देना हो जाएगा अनिवार्य
– नई व बड़ी मशीनों से होगा कचरा का प्रबंधन
– वार्डों में बढ़ाई जाएंगी कचरा उठाने की गाडिय़ां
– बिल्डिंग वेस्ट मैटेरियल प्रबंधन भी होगा शुरू
फैक्ट फाइल
20 वर्ष तक कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी
45 वार्ड के करीब 2.5 लाख आबादी है जुटी
65 टन कचरे का उठाव हर रोज करना होगा
50 करोड़ रुपए काम शुरू करने की सब्सिडी
20 वर्ष तक कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी
45 वार्ड के करीब 2.5 लाख आबादी है जुटी
65 टन कचरे का उठाव हर रोज करना होगा
50 करोड़ रुपए काम शुरू करने की सब्सिडी