वैसे तो जिला प्रशासन ने सामानों की होम डिलीवरी का निर्देश जारी कर रखा है, लेकिन हकीकत में लोगों को सामानों की होम डिलीवरी नहीं मिली। लोग जैसे-तैसे दुकानदारों से संपर्क कर व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। इसमें एक ओर जहां लोगों को परेशान होना पड़ा। वहीं दूसरी ओर कई को निराश भी होना पड़ा। कई लोग अचानक से लॉकडाउन बढ़ाने के निर्णय को कोसते नजर आए।
सुबह सामानों के इंतजाम की अफरा-तफरी के बीच लोगों को सब्जी सहित अन्य कई सामानों की मनमानी कीमत भी चुकानी पड़ी। दुकानदारों ने सामान की कमी का हवाला देते हुए दोगुना कीमत तक वसूल की गई। कई दुकानदारों ने होम डिलीवरी का अलग से चार्ज भी लिया। ग्राहक मजबूरन कीमत अदा करने को बाध्य रहें।
इन सबके बीच प्रशासन के लिए राहत भरी बात यह रही कि वह लॉकडाउन के जरिए कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के बावत सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था बनाने में सफल रहा। दोपहर बाद से हर कोई घरों में कैद हो गया। शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक में बाजार बंद रहे और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। अनावश्यक रूप से बाहर निकलने वालों पर कार्रवाई भी की गई।