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सिंगरौली

मुआवजा नहीं मिलने से अधर में टनल निर्माण का काम

कई खातेदार होने से आ रही है मुश्किलभूमि अधिग्रहण के लिए अवार्ड तक नहीं हो पाया पारित

सिंगरौलीJan 03, 2019 / 01:52 am

Anil kumar

Rewa-Singrauli railway line speed is sluggish

Rewa-Singrauli railway line speed is sluggish

सिंगरौली. विंध्य के ड्रीम प्रोजेक्ट रीवा-सिंगरौली रेल लाइन में देरी पर देरी होती जा रही है। तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 2019 तक सीधी तक रेल पहुंचाने का वादा किया था लेकिन अभी तक पटरी निर्माण तो दूर भू-अर्जन की कार्यवाही भी राजस्व विभाग पूरी नहीं कर सका है। छुहिया पहाड़ में 4 किलोमीटर टनल का निर्माण किया जाना है। अब इसमें पेंच फंस रहा है। मुआवजा वितरण नहीं होने और नौकरी नहीं मिलने से किसान टनल निर्माण में खलल डाल रहे हंै।
नहीं शुरू हुआ निर्माण
रीवा-सिंगरौली रेल लाइन निर्माण के लिए रेलवे ने १124 करोड़ रुपए का एस्टीमेट स्वीकृत किया है। टनल निर्माण के लिए टेंडर पूर्ण कर लिया गया है। ४ किलोमीटर टनल का खनन करने के लिए 2020 तक समय दिया गया है। रीवा से सीधी तक 53 किमी का अर्थवर्क दिसंबर २०१९ तक पूर्ण करना है। सोन नदी पर 750 मीटर लंबा पुल निर्माण की भी अनुमति मिली है लेकिन निर्माण शुरू नहीं किया जा सका है। बताया जा रहा कि रीवा-सिंगरौली रेल लाइन में मुआवजा वितरण में सबसे अधिक रोड़ा एक जमीन में कई खातेदारों के नाम होना है। अधिक खातेदारों के कारण राजस्व विभाग को मुआवजा वितरण में पसीना छूट रहा है। दरअसल, रेलवे जमीन अधिग्रहण होने पर परिवार के एक सदस्य को चर्तुथ श्रेणी में नौकरी दे रही है, इसके कारण खातेदारों की संख्या बढ़ गई है।
खातेदारों के नाम बढ़े
जिन खातेदारों का जमीन पर कब्जा नहीं है, वे भी नाम होने के कारण दावा कर रहे हंै। सीधी के गोड़हरा टोला एवं नैकिन में किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। इसके कारण किसान टनल का काम शुरू नहीं होने दे रहे। इन दोनों गांवों 150 से अधिक किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। इनमें अभी तक 50 किसानों को मुआवजा नहीं मिला है।
नैकिन से भितरी तक हो चुका है वितरण
बताया जा रहा कि सीधी से सिगंरौली रेल लाइन में नैकिन से भीतरी तक मुआवजा वितरण काम पूरा होने के बाद रेलवे ने यहां से लाइन शिफ्टिंग का काम पूरा कर लिया है, लेकिन भितरी से सीधी रेलवे स्टेशन व सीधी से सिंगरौली तक भू-अर्जन अभी भी अटका है।
26 गांवों में अटका मुआवजा वितरण
रेललाइन निर्माण के लिए बीते पांच वर्ष से भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। चुरहट, रामपुर नैकिन, गोपद बनास और सिहावल उपखंड के 91 गांवों की जमीन अधिगृहीत की जानी थी। सभी जगह धारा-11 व धारा 19 का प्रकाशन कर दिया गया है, लेकिन अब तक 26 गांवों का अवार्ड पारित नहीं किया गया है। इसके कारण किसानों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा।
स्टेशन का भी शुरू नहीं हुआ निर्माण
सीधी शहर के जमोड़ी व मधुरी के मध्य रेलवे स्टेशन का निर्माण होना था, लेकिन प्रशासन ने भू-अधिग्रहण में अनियमितता बरती। इसके कारण किसानों ने हाइकोर्ट से स्थगन ले लिया था। अब कोर्ट से मामला निपट गया है, लेकिन निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया।
2019 तक गोविंदगढ़ तक बिछ जाएगी पटरी
रीवा से गोविंदगढ़ तक अर्थवर्क पूरा होने के बाद 20 किलोमीटर रेलमार्ग में पटरी बिछाने का काम 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रेलवे ने दिया है। इसमें बांसा में रेलवे स्टेशन भवन काम पूर्णता की ओर है। इसके अलावा सिलपरा व बांसा में कर्मचारियों के आवास का निर्माण भी हो रहा है। रेलवे 2018 तक यहां ट्रेन दौडऩे का लक्ष्य रखा था, लेकिन समय से कार्य पूरा नहीं होने से दो साल के लिए आगे बढ़ा दिया है।

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