ये हैं मौत के खड़े सूखे पेड़
अफसरों को होश नहीं, अब तक आधा दर्जन जानें ले चुके हैं सड़क के किनारे खड़े सूखे पेड़
सिंगरौली । सड़कों के किनारे खड़े सूखे पेड़ मौतों को दावत दे रहे हैं। इस बात से जिम्मेदार अनजान बने बैठे हैं। जबकि कई बार ये सूखे पेड़ मौत को अंजाम दे चुके हैं। अहम बात तो यह कि बरसात के दिनों में अचानक सूखे पेड़ों के गिरने से मौतें होती हैं। जानकारी के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में सूखे पेड़ों की जिम्मेदारी तहसीलदार के जिम्मे होती है। तहसीलदार इस बारे में वन विभाग के पास आवेदन करता है। इसके बाद खतरनाक पेड़ों की कटाई की जाती है। मगर,नगरीय क्षेत्रों में सारी जिम्मेवारी नगर निगम की होती है।
बात 13 अगस्त 2014 की है। माड़ा कस्बे के चौराहे पर सूखा महुआ का पेड़ अचानक गिर गया। पेड़ के अचानक गिर जाने से चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में चार लोग जख्मी भी हो गए। सभी मृतक माड़ा क्षेत्र के छतौली गांव के थे। इसी तरह से फरवरी 2014 में विंध्यनगर डिपो के पास अचानक सूखे पेड़ गिरने से बाइक चालक की मौके मौत हो गई थी। इसके बाद तहसील प्रशासन और नगर निगम प्रशासन सूखे पेड़ों को सड़कों के किनारे से हटाने के लिए अभियान चला रखे थे। आगे चलकर मामला ठडा पड़ गया। पत्रिका पड़ताल में यह बात सामने आई है कि अभी कई सूखे पेड़ मौतों को दावत दे रहे हैं।
इन जगहों पर हैं सूखे पेड़
जिला मुख्यालय बैढऩ के डीएवी पब्लिक स्कूल रोड स्थित पीपल का भारी-भरकम सूखा पेड़ मौत को दावत दे रहा है। यह पेड़ कभी भी गिर सकता है और हादसा टाला नहीं जा सकता। जबकि नगर निगम के अधिकारी आशंका से बेखबर हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो यह पेड़ दो बार टूटकर गिर चुका है। पहली दफा तो किसी वाहन पर गिर गया था। हालांकि नुकसान के तौर पर वाहन क्षतिग्रस्त हो गया और बिजली के तार टूट गए। इतना सब होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी नहीं चेते। बताते चलें कि सूखे पेड़ों के अचानक गिरने से बीते छह महीने के दौरान पांच लोगों की जानें जा चुकी हैं। आधे दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
बैढऩ स्थित भाजपा कार्यालय के पीछे सड़क के किनारे एक सूख पेड़ काल बनकर खड़ा हैद्ध व कभी भी गिर सकता है। आसपास के लोगों की मानें तो नगर निगम के अधिकारियों को जानकारी दी गई है,लेकिन अब तक पेड़ को काटा नहीं गया।
माड़़ा चौराहे के पर अभी भी तीन खड़े सूखे पेड़ मौत को दावत दे रहे हैं। लोगों ने बताया कि तहसील प्रशासन को जानकारी कई बार दी जा चुकी है,लेकिन पेड़ नहीं काटे गए।
परसौना बाजार चौराहे पर दो खड़े सूखे पेड़ मौत को दावत दे रहे हैं। लोगों की मानें तो उनकी डालियां अचानक टूटकर गिर चुकी हैं। हालांकि किसी को चोट नहीं आई। फिर भी खतरे बरकरार हैं।