मूल रूप से समिति यह करती है कार्य
विद्यालय प्रबंधन समिति कक्षा 1 से 8वीं तक की कक्षाओं में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ सर्व शिक्षा अभियान तथा मिड-डे-मील की राशि प्राप्ति व व्यय की राशि का लेखा-जोखा अलग से संधारित करती है। एसडीएमसी कक्षा 9 से 12वीं के विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार, विद्यालय भवन के विकास से जुड़े कार्य करती है। आरएमएसए से प्राप्त अनुदान विकास शुल्क तथा अन्य प्राप्त होने वाली राशि का लेखा-जोखा रखती है।
1- अध्यक्ष: प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापक
– 2 सदस्य: अभिभावकों में से एससी, एसटी समुदाय के
– 2 सदस्य: अभिभावकों में से महिला प्रतिनिधि
– 2 सदस्य: अभिभावकों में से अन्य प्रतिनिधि
– 1 सदस्य: सामाजिक विज्ञान का अध्यापक प्रतिनिधि
– 1 सदस्य: विज्ञान का अध्यापक प्रतिनिधि
– 1 सदस्य: गणित का अध्यापक प्रतिनिधि
– 2 सदस्य: पंचायत या शहरी स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि सदस्य
– 1 सदस्य: ऑडिट व वित्त विभाग का एक व्यक्ति संस्था का लेखा कार्मिक
– 1 सदस्य : शैक्षिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधि
-1 सदस्य: महिला समूहों में से प्रतिनिधि
– 1 सदस्य: ग्राम शिक्षा विकास समिति का सदस्य, शिक्षाविद्
– 1 सदस्य: विज्ञान, मानविकी तथा कला, संस्कृति, क्राफ्ट की पृष्ठभूमि वाले प्रतिनिधि
– 1 सदस्य: जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से मनोनीत अधिकारी
– 2 सदस्य: विद्यार्थी प्रतिनिधि
– 2 सदस्य- विधायक प्रतिनिधि
– सदस्य सचिव: प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक की ओर से नामित मुख्य शिक्षक
इनका कहना है
स्कूलों में विद्यालयों के कुशल संचालन व प्रबंधन के लिए बनी समितियों विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति एसडीएमसी व विद्यालय प्रबंधन समिति एसएमसी का पुनर्गठन किया जाएगा। उनमें विधायक अपनी पसंद के दो नए सदस्यों का मनोनयन करेंगे।