scriptशिव का ऐसा मंदिर जहां शिवलिंग ही नहीं, शिव के इस विशेष अंग की होती है पूजा…. इकलौता मंदिर… हर मनोकामना पूरी होती | The only Shiva temple in Rajasthan where Shiva's toe is worshiped instead of Shivalinga, the story behind it is miraculous. | Patrika News
सिरोही

शिव का ऐसा मंदिर जहां शिवलिंग ही नहीं, शिव के इस विशेष अंग की होती है पूजा…. इकलौता मंदिर… हर मनोकामना पूरी होती

Unique Temple of Lord Shiva: मंदिर के निर्माण और स्थापना की कहानी भी चमत्कार से भरी हुई है।

सिरोहीMar 08, 2024 / 11:57 am

JAYANT SHARMA

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Unique Temple of Lord Shiva: भगवान शिव के अनेक रूप है, अनेक नाम हैं। पूजा करने का तरीका भी अलग अलग है। लेकिन पूजा स्थल एक है…..। यानी भगवान शिव के हर मंदिर में शिवलिंग मिलेगा या फिर शिव प्रतिमा की पूजा होगी। लेकिन भगवान शिव का एक ऐसा भी मंदिर है राजस्थान में जहां पर शिवलिंग ही नहीं है। शिवलिंग की जगह भगवान के एक विशेष अंग की पूजा होती है। यह अंग है भोलेनाथ के दाहिने पैर का अंगूठा…..। मंदिर के निर्माण और स्थापना की कहानी भी चमत्कार से भरी हुई है।
दरअसल राजस्थान के बेहद छोटे से जिले के बेहद चर्चित इलाके में स्थित इस मंदिर का नाम अचलेश्वर महादेव मंदिर है। यह मंदिर सिरोही जिले में स्थित है माउंट आबू क्षेत्र में। अचलेश्वर नाम से पहाड़ भी है और यह पहाड़ी पर ही स्थित है। माउंट आबू राजस्थान का फेमस हिल स्टेशन है जहां दुनिया से लोग आते हैं।
महादेव के इस मंदिर के पीछे मान्यता है कि यहां पर ऋषि वशिष्ठ ने महादेव से मदद मांगी थी। दरअसल माउंट आबू ऋषि वशिष्ठ की तप स्थली मानी गई है। मान्यता है कि जब ऋषि वशिष्ठ यहां पर पूजा पाठ करते थे तो ऐसे में उनकी गायें इस पर्वत में बने एक कुंड में गिर जाती थीं। उन्होनेंं और अन्य संतों ने भगवान शिव की आराधना की तो शिव ने अपने गण नंदी को वहां पर भेजा और कहा कि उस खाई को पाट दे। नंदी ने काम शुरू किया तो पता चला कि इस पर्वत को एक सांप ने अपनी पीठ पर उठा रखा है। उसने पर्वत हिलाना शुरू कर दिया ।
ऐसे में भगवान शिव ने उसका घमंड चूर करने के लिए अपने दाहिने पैर के अंगूठे से उसे दबा दिया और पर्वत को स्थिर किया। माना जाता है कि तभी से यहां पर शिव के पैर के अंगूठे की पूजा होती है। यह अंगूठा जिस जगह पर स्थित है वहां पर एक चमत्कारिक कुंड है। इस कुंड में कितना भी पानी डाल लें, लेकिन यह कभी नहीं भरता। इस मंदिर में भी आज विशेष आयोजन जारी है।

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