पहले भी की गई थी घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि गुरू गोविन्द सिंह ( guru gobind singh ) के 350वें जन्म दिवस के सिलसिले में यमुनानगर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में सिख समुदाय से सम्बन्धित कई घोषणाएं की गई थीं। इनमें से कई पूरी की गई है।
अब गुरूनानक देव के 550वें जन्म वर्ष के अवसर पर आयोजित इस राज्य स्तरीय समारोह में सीएम ने घोषणा की कि:—
:-कुरूक्षेत्र में सिख संग्रहालय की स्थापना की जाएगी।
:-बाबा बंदासिंह बहादुर द्वारा स्थापित पहले सिख राज्य की राजधानी यमुनानगर जिले के लोहागढ में बाबा :-बंदासिंह बहादुर का स्मारक बनाया जाएगा।
:-लोहागढ में मार्शल आर्ट का स्कूल खोला जाएगा।
:-नांदेड जा रहे राजमार्ग के हरियाणा के हिस्से में गुरू गोविंद सिंह के नाम के बोर्ड लगाए जाएंगे।
:-असंध में स्कूल, करनाल में गुरूनानक के नाम से संस्थान और कैथल में सिख संस्थान खोलने का ऐलान।
:-प्रदेश में अब तक रिक्त पंजाबी भाषा के 400 अध्यापकों के पद जल्दी भरे जाएंगे।
:-इसके अलावा सिरसा में सिख धर्मशाला की स्थापना के लिए जमीन आवंटित कराई जाएगी।
:-माता गूजरीदेवी के नाम पर सडक का नामकरण किया गया है।
सभी के लिए खुला है सरकारी खजाना:—सीएम
इन घोषणाओं के साथ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का खजाना मात्र सिख समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि सभी समुदायों के लिए खुला है। सिरसा की अनाज मंडी में आयोजित समारोह में विशाल संख्या में सिख और अन्य श्रद्धालुओं के पहुंचने से खुश नजर आ रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब तीन हजार बसों में डेढ लाख लोग समारोह में पहुंचे है। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही समाज को गुरूओं के आदर्शों पर चलने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी है। इसके बगैर सफल होना संभव नहीं है। संस्कार के लिए गुरूओं की शरण में आना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जब देश में भाईचारे और विश्वास की कमी थी और विदेशी ताकतें हावी हो रही थीं तब गुरूनानक देव ने जनजागरण अभियान चलाया था। न्याय के लिए कुरूक्षेत्र के मैदान में धर्मयुद्ध हुआ और भगवान कृष्ण ने न्याय का साथ दिया। उन्होंने कहा कि अच्छाई और बुराई का संघर्ष लगातार चलता रहता है। उन्होंने कहा कि सरदार का मतलब है कि वो जो सच्चाई के साथ खडा होता है।