क्या है पहचान पत्र ( Haryana Parivar Pehchan Patra )
मुख्यमंत्री ने सभी जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पोर्टल लॉंच करने के बाद कहा कि आधार कार्ड की तरह ही प्रत्येक परिवार की एक अलग पहचान होगी, जिसमें परिवार के मुखिया का नाम सबसे ऊपर होगा। जन्म के साथ ही इसमें परिवार के नए सदस्य का नाम शामिल हो जाएगा और जब लड़की की शादी होगी तो उसका नाम ससुराल के परिवार में शामिल कर दिया जाएगा और पीहर के परिवार से नाम हटा दिया जाएगा। परिवार के मुखिया को अटल सेवा केन्द्र या अन्त्योदय सेवा केन्द्र में एक निर्धारित फार्म में परिवार का पूरा ब्यौरा देना होगा। यह फार्म हस्ताक्षर के साथ जमा करवाना होगा। इसे विभागों द्वारा अपडेट किया जाएगा और अपडेट करने के बाद व्यक्ति को दो प्रिंट लेने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि अपडेट के लिए पोर्टल पर सर्च करना अति आसान होगा। नाम या पिता का नाम डालते ही उस पर विकल्प आएगा और इसे भरा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले हरियाणा नागरिक डाटाबेस तैयार करने के प्रस्ताव पर कार्य किया था, परंतु उसमें आधार लिंक अनिवार्य था लेकिन बाद में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के मद्देनजर इस प्रस्ताव को बीच में ही स्थगित करना पड़ा। उन्होंने कहा कि 25 दिसम्बर, 2014 को सुशासन दिवस पर ई-रजिस्टरी सेवाएं आरम्भ की थी और अब लगभग 17 विभागों की 495 सेवाएं व योजनाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
परिवार समृद्धि पर जोर
मनोहर लाल ने कहा कि सरकार का जोर परिवार समृद्धि पर है। उन्होंने कहा कि आज योजनाओं की जानकारी व लाभ लेने के लिए लोग सरकारी कार्यालयों में आते हैं, परंतु आने वाले समय में हम योजनाएं लोगों को घर देने जाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता आई है, समाज में समरसता बढ़ी है, आर्थिक आधार को भी परिवार की पहचान में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, परिवार के मुखिया की चल-अचल सम्पति का ब्यौरा भी होगा।
युद्ध स्तर पर हो रहा कार्ड बनाने का काम
मुख्यमंत्री ( Manohar Lal Khattar ) ने कहा कि मृत्यु का रिकाॅर्ड रखने के लिए सभी शमशान घाटों व कब्रिस्तानों के पंजीकरण का कार्य भी पूरा हो चुका है। गांव में चौकीदार व शहरों में स्थानीय निकायों के द्वारा रखे गए व्यक्तियों द्वारा उनके शमशान घाटों व कब्रिस्तानों में किए गए अंतिम संस्कार का ब्यौरा ऑन लाइन डालना होगा, जिसके लिए उन्हें अंशदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के सभी परिवारों को सुखी और सुरक्षित रखने के लिए उनके परिवार पहचान-पत्र बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर कर रही है।
पहचान पत्र के जरिए मिलेगा हर योजना का लाभ
इस परिवार पहचान-पत्र के बनने से न केवल लाभार्थियों को विभिन्न नागरिक केन्द्रित सेवाओं की स्वचालित प्रदायगी सुनिश्चित होगी बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। सभी परिवारों का डाटाबेस तैयार होने से समाज कल्याण की योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचेगा। पहचान-पत्र बनने से सरकार को भी आमजन के लिए विकास नीतियां और कल्याणकारी योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस परिवार पहचान पत्र से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिस दिन कोई व्यक्ति जिस योजना या स्कीम का लाभ प्राप्त करने का पात्र हो जाता है, उसे उसी दिन से उसका लाभ मिलने लगेगा। उदाहरण के तौर पर, जिस दिन कोई व्यक्ति 60 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है, तो वह वृद्धावस्था पेंशन पाने का पात्र होगा। इसी प्रकार जैसे ही कोई युवा 18 वर्ष की आयु का हो जाता है, तो वह मतदान देने का पात्र होगा। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान-पत्र के लिए संबंधित जिले के उपायुक्त को जिला रजिस्ट्रार नामित किया गया है जो परिवार पहचान-पत्र बनाने के कार्य पर निगरानी रखेंगे और यह सुनिश्चित करें कि परिवार पहचान-पत्र का कार्य समयबद्ध तरीके से शत-प्रतिशत पूरा हो। जिला रजिस्ट्रार 500 परिवार पंजीकरण केन्द्रों की पहचान करे।